काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्ज़िद मामले में सावन से पहले मुस्लिम पक्ष ने एक बड़ी पहल की है। काशी विश्वनाथ परिसर के रेड जोन में पड़ने वाले 1700 स्क्वायर फीट की जमीन को मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के नाम कर दी है। इसके बदले में मंदिर प्रशासन की तरफ से भी 1000 स्क्वायर फीट जमीन कमेटी को दी गई है। ये जमीन मंदिर से कुछ दूर बांसफाटक इलाके में है।
क्या है पूरा मामला
काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का मामला कोर्ट में चल रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर से स्वयंभू लॉर्ड विश्वेश्वर महादेव के नाम से हिंदू पक्षकार हैं तो दूसरी ओर ज्ञानवापी मस्जिद की ओर से अंजुमन इंतेजामिया कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पक्षकार हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण में सुरक्षा के लिहाज से यह जमीन का टुकड़ा बहुत ही महत्वपूर्ण है। अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने ये जमीन अब मंदिर प्रशासन के नाम कर दी। अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के सचिव यासीन ने बताया कि 9 जुलाई को इस जमीन को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के लिए हमने मंदिर प्रशासन को दे दी है।
पहले से इस जमीन पर था एसपी का ऑफिस
अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के सचिव सईद यासीन ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में बताया कि 1993 से ही जमीन के इस हिस्से पर प्रशासन का मुख्य कंट्रोल रूम था। जहां पर एसपी रैंक के अधिकारी बैठते रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से इसके एवज में कोई भी रकम अदा नहीं की जाती थी अंजुमन इंतजाम या कमेटी ने इस शर्त पर जमीन प्रशासन को लीज पर दी थी कि जब भी यहां से इस कार्यालय को हटाया जाएगा तो वह जमीन कमेटी को वापस की जाएगी। इसलिए अब कमेटी ने इस जमीन को प्रशासन के नाम कर दिया।
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क्या कहा मस्ज़िद की ज़मीन के बारे में
अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने यह स्पष्ट किया कि सुरक्षा के लिहाज से इस जमीन को वह मंदिर प्रशासन के नाम कर रहे हैं, लेकिन बाकी जो मस्जिद की जमीन है उसके लिए कोर्ट में अपना पक्ष रखते रहेंगे।
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