यूपी के भदोही में महिला उत्पीड़न मजिस्ट्रेट विदिशा भूषण और न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय रीवा केसरवानी की अदालत में मंगलवार को भी ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्र पेश नहीं हो सके। कोर्ट ने आगरा जेल में निरुद्ध विधायक को व्यक्तिगत रूप से तलब किया था। इसे लेकर कोर्ट ने गंभीर रूख अख्तियार किया है। इस मामले में आगरा पुलिस से जवाब मांगा है।
भदोही जनपद के गोपीगंज कोतवाली में विधायक विजय मिश्र के रितेश्तेदार का फर्म व भवन हड़पने के आरोप में चार अगस्त 2020 को विधायक विजय मिश्र, उनकी एमएलसी पत्नी रामलली मिश्र और उनके पुत्र विष्णु मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद 18 अगस्त 2020 को उन्हें मध्यप्रदेश के आगर जिले में गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया। छह जुलाई को पेशी होनी थी लेकिन वीडियो कांफ्रेंसिग से दो मामलों में रिमांड बनी थी जबकि सामूहिक दुष्कर्म और ऊंज में सरकारी भूमि पर कब्जा करने आदि मामलों में रिमांड नहीं बन पाई थी।
इस संबंध में विधायक विजय मिश्र की अधिवक्ता रीमा पांडेय ने बताया कि महिला उत्पीड़न और न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने 20 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से तलब किया। आगरा और भदोही जिले की पुलिस सुरक्षा का हवाला देकर पेश नहीं कर सकी। इसको लेकर कोर्ट ने चिंता जताई। अधिवक्ता रीमा पांडेय ने कहा है कि कोरोनाकाल संग पंचायत चुनाव खत्म हो गया है। अब पुलिस आखिर क्यों विधायक विजय मिश्र को कोर्ट में पेश नहीं कर रही है। इस दौरान अधिवक्ता ने कहा कि पुलिस जानबूझकर मामले को लटकाने में जुटी है।
More Stories
Mainpuri में युवती की हत्या: करहल उपचुनाव के कारण सियासी घमासान, सपा और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप
Hathras में खेत बेचने के नाम पर लाखों की ठगी, पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा
Uttar Pradesh Police Recruitment 2024: सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर कट ऑफ लिस्ट जारी, दिसंबर में दस्तावेज परीक्षण और शारीरिक परीक्षा