कोरोना की तीसरी लहर में अतिकुपोषित बच्चों पर इसका अटैक हो सकता है। इसलिए प्रदेश सरकार ने ऐसे बच्चों की सुरक्षा के लिए प्लान तैयार कर लिया है। सुरक्षा प्लान में मुरादाबाद के 1289 बच्चों को रडार पर रखा गया है। इन बच्चों की देखभाल की जा रही है। दवा के साथ जरुरत पड़ने पर अतिकुपोषित बच्चों का जिला अस्पताल स्थित एनआरसी में इलाज भी होगा।
तीसरी लहर में बच्चे कोरोना से सबसे अधिक संक्रमित हो सकते हैं। इसके पीछे तर्क पहला यह है कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। दूसरा 18 साल से कम उम्र वाले किसी बच्चे को अभी कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी है। वहीं, 18 साल से ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण तेजी से हो रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुपमा शांडिल्य ने बताया कि हमने अतिकुपोषित बच्चों को दो श्रेणी में बांट रखा है। मेम श्रेणी के 3233 बच्चे हैं। इनके खानपान पर ध्यान देकर ठीक किया जा सकता है। 1289 सेम श्रेणी के बच्चे हैं। इनको सबसे अधिक खतरा है। इन बच्चों की डिटेल ई-कवच पोर्टल पर फीड करनी है। इसके बाद एएनएम इन बच्चों के इलाज के बारे में तय करेंगी। इन बच्चों को कोरोना संक्रमण के लिहाज से सबसे अधिक निगरानी में रखा जाना है, जिन बच्चों को इलाज की जरूरत होगी, उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराकर इलाज कराया जाना है।
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