कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की ओर से जारी संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) 2019 टियर-2 परीक्षा के अंकों के नार्मलाइजेशन में मेधावियों के साथ हुए भेदभ्राव को लेकर प्रतियोगी उठ खड़े हुए हैं। प्रतियोगियों ने ट्विटर पर अभियान चलाकर आयोग की मूल्यांकन प्रणाली को कटघरे में खड़ा किया। छात्रों ने 15 जुलाई को अकेले 1.90 लाख ट्वीट करके अपना विरोध दर्ज करवाया। प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि अंकों के नार्मलाइजेशन में 350 अंक तक कम हो गए जबकि कम नंबर पाने वालों के अंक बढ़ गए। ने छात्रों के अभियान को प्रमुखता से प्रकाशित किया है।
सीजीएल 2019 टियर-2 परीक्षा के मूल्यांकन को लेकर सवाल उठाने वालों का कहना है कि क्वांटेटिव एबिलिटी विषय के अंक में नार्मलाइजेशन के चलते परीक्षार्थियों के 350 अंक कम हो गए। मूल्यांकन को लेकर आरोप लगाने वाले अजित सोनकर को 153.50 अंक मिले, उसे नार्मलाइज करके 8.87 अंक कर दिया। इस परीक्षार्थी के अंकों के नार्मलाइज किए जाने के बाद 144.63 अंक कम हो गए।छात्रों ने आरोप लगाया है कि सीजीएल टियर-2 की परीक्षा 15, 16 एवं 18 नवंबर 2020 में तीन दिन हुई। परीक्षार्थियों ने आयोग की ओर से जारी जो अंकपत्र उपलब्ध कराया है,
More Stories
Rishikesh में “अमृत कल्प” आयुर्वेद महोत्सव में 1500 चिकित्सकों ने मिलकर बनाया विश्व कीर्तिमान, जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में
Jhansi पुलिस और एसओजी की जबरदस्त कार्रवाई: अपहृत नर्सिंग छात्रा नोएडा से सकुशल बरामद
Mainpuri में युवती की हत्या: करहल उपचुनाव के कारण सियासी घमासान, सपा और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप