बलिया जिला कारागार में बुधवार शाम हुए बवाल को शांत करने में कई थानों की फोर्स और पीएसी को साढ़े तीन घंटे का समय लगा। जनपद के कई थानों की फोर्स के साथ दो वाहन पीएसी के जवान के अंदर भेजे गए थे। जब, पड़ोसी जनपदों से भी फोर्स और अधिकारी बुलाए जाने की बात हुई, तो एक क्षण के लिए ऐसा लगा कि मामला काफी गंभीर है, लेकिन लगभग पौने 11 बजे फोर्स वापस निकलनी शुरू हो गई।जेल से रात 11 बजे बाहर निकलीं जिलाधिकारी अदिति सिंह ने बताया कि जेल के अंदर दो गुटों में विवाद के बाद पथराव हुआ था। इसे देखते हुए फोर्स बुला ली गई थी। ऐहतियात के तौर पर ऐसा करना पड़ा। कैदी अपनी समस्याओं को बताना चाहते थे। इसे सुनकर उस पर विचार किया जा रहा है।इसके बाद सभी कैदियों को बैरक में भेजकर मिलान करा लिया गया। स्थिति पूरी तरीके से शांतिपूर्ण है। जैसे ही जेल प्रशासन सख्ती करता है, वैसे ही शातिर अपराधि जेल में गुटबाजी करने लगते हैं।
इस गुटबाजी के खेल में सामान्य कैदियों व बंदीरक्षकों मोहरा बना दिया जाता हैं। जिसका नतीजा होता है कि जेल के अंदर धरना प्रदर्शन से लेकर मारपीट की वीडियो वायरल होने लगती हैं। इसके बाद अंदर की बातें सामने आने लगती हैं। बलिया जेल में समस्याओं का अंबार है।लोगों पर गिर सकती है गाजजिला जेल में बुधवार देर शाम हुए बवाल के मामले में कई बंदी रक्षकों पर गाज गिरने की बात कही जा रही है। इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी की ओर से शासन को भेजी जा रही है। इसके साथ ही कुछ बंदियों का स्थानांतरण भी किया जा सकता है। जिला कारागार में बुधवार की देर शाम किसी बात को लेकर दो गुटों में हुए विवाद के दौरान चले ईंट-पत्थर के मामले में वाराणसी जोन के डीआईजी एके सिंह गुरुवार की सुबह जांच करने पहुंचे। यहां जेल प्रशासन, बंदी रक्षकों एवं कैदियों से एक एक कर वार्ता करेंगे एवं सुरक्षा संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे। इसके बाद शासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
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