जुलाई के पहले सप्ताह से स्नातक और परास्नातक के नवप्रवेशियों की कक्षाएं शुरू हो जाती थीं, लेकिन इस बार अब तक प्रवेश की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) और संघटक महाविद्यालयों में नए सत्र का पिछड़ना तय है, जिसका असर आगामी वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाओं पर भी पड़ने की आशंका है।इस बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में संयुक्त रूप से प्रवेश परीक्षा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
एनटीए की ओर से अब तक न तो प्रवेश के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई है और न ही प्रवेश परीक्षा का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। अब तक तो यह भी स्पष्ट नहीं हुआ है कि प्रवेश सीधे मेरिट से लिए जाएंगे या प्रवेश परीक्षा कराई जाएगी। फिलहाल इविवि प्रशासन ने अपने स्तर से बीएएलएलबी, एलएलबी और प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा कराने को निर्णय तो ले लिया लेकिन बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी और एमकॉम में प्रवेश के लिए अब एनटीए से जवाब मिलने का इंतजार है।
इविवि प्रशासन की ओर से कई बार एनटीए और यूजीसी को पत्र भी भेजा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अगर प्रवेश परीक्षा होती है तो इसके आयोजन में कम से कम एक माह का वक्त लगेगा। ऐसे में अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। प्रवेश में लगातार हो रही देरी के कारण नए सत्र का पिछड़ना तय है और नए सत्र को शुरू होने में जितनी देर होगी, आगामी परीक्षाओं पर भी उतना ही प्रभाव पड़ेगा। इविवि के प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. आईआर सिद्दीकी का कहना है कि एनटीए की ओर से स्थिति स्पष्ट न होने के कारण यूजी-पीजी की प्रवेश प्रक्रिया अभी शुरू नहीं की जा सकी है।
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