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उत्‍तर प्रदेश में स्‍पीड ब्रेकरों का क्‍या हाल

लखनऊइलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार और नगर निगम लखनऊ को राजधानी समेत प्रदेश भर के स्पीड ब्रेकरों की स्थिति के बाबत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। पीठ ने अधिकारियों और लखनऊ नगर निगम से पूछा कि लखनऊ के साथ-साथ पूरे प्रदेश में स्पीड ब्रेकर को स्पष्ट दिखाई देने योग्य बनाने के लिए नियमों के अनुरूप उन पर पुताई करने और उन्हें मार्क करने के लिए साइन बोर्ड लगाने की दिशा में क्या प्रयास किए गए हैं? यह आदेश न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने अब्दुल्लाह रमजी खान की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। याची का कहना है कि लखनऊ शहर के सभी स्पीड ब्रेकर की तत्काल मार्किंग के आदेश सरकार को दिए जाएं। इसके साथ ही स्कूल, कॉलेजों, अस्पतालों और ऐसे स्थानों पर स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं, जहां दुर्घटना होने की आशंका अधिक है।

दो हफ्ते में शपथ पत्र दाखिल करने के आदेशसरकार का पक्ष रखते हुए मुख्य सरकारी अधिवक्ता ने अदालत को 20 नवंबर, 2017 को आश्वासन दिया था कि राज्य सरकार मात्र लखनऊ शहर में ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य में यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगी कि स्पीड ब्रेकर स्पष्ट दिखाई दें और उन्हें मार्क करने के लिए साइन बोर्ड लगाए जाएं। अदालत ने इस आश्वासन के बाबत टिप्पणी की कि सरकार के वकील ने अदालत को भरोसा दिलाया था, इसके बावजूद अब तक वर्तमान मामले में कोई शपथ पत्र दाखिल नहीं किया गया है। अदालत ने दो सप्ताह के भीतर शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश दिए हैं।