मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के कार्मिक विभाग में पिछले सप्ताह हुई सीबीआई रेड के बाद अब तमाम अन्य तरह की गड़बड़ियां सामने आने लगी हैं। इस मामले में सीबीआई द्वारा आरोपित एपीओ लवकुश के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद मालूम चला है कि जून 2019 में टीए, पे-शीट आदि में भी फर्जीवाड़ा किया। वहीं दूसरी ओर आरोपी एपीओ बुधवार को डीआरएम ऑफिस से उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के लिए रिलीव कर दिया गया। सीबीआई ने तकरीबन एक करोड़ रुपये के गबन मामले में कुछ नए तथ्य खोजे हैं।
बताया जा रहा है कि कार्मिक विभाग के एपीओ एवं उनके कुछ सहयोगियों ने जन 2019 में पे शीट पर फर्जीवाड़ा किया। टीए के जाली दस्तावेज बनाने के साथ उसे पास होने के लिए आगे भेज दिया गया। इस दौरान असिस्टेंट लोको पॉयलट नरेश सिंह एवं कुछ अन्य के मूल वेतन में हेरफेर कर संदिग्ध बैंक खातों में रकम भेजी गई।यह सभी फर्जी दस्तावेज सीबीआई ने बरामद कर लिए हैं।
क्योंकि रकम ऑनलाइन ट्रांसफर की गई, इस वजह से सीबीआई को इससे संबंधित साक्ष्य मिलने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई। लेखा विभाग के भी कुछ लोगों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए हैं। क्योंकि अगर रकम फर्जी तरीके से भेजी गई तो लेखा विभाग के संबंधित अफसर या कर्मचारी ने इसे चेक क्यों नहीं किया। चर्चा है कि लेखा विभाग के संबंधित लोगों से भी सीबीआई जल्द ही पूछताछ कर सकती है। ब्यूरो
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