ब्लॉक प्रमुखी चुनाव को लेकर सरगगर्मी बढ़ गई है। जिला पंचायत अध्यक्षी वाले सभी दांव-पेच इसमें भी अपनाए जा रहे हैं। स्थिति यह है कि ज्यादातर क्षेत्र पंचयात सदस्य भूमिगत हो गए हैं। ऐसे में उनके परिवार के सदस्यों की घेराबंदी शुरू हो गई है। इसमें क्षेत्र के प्रमुख लोगों के अलावा दंबगों की भी मदद लेने की बात सामने आ रही है।
जिले में 23 ब्लाक प्रमुख के लिए शनिवार को मतदान होगा। वहीं नामांकन बृहस्पतिवार को होगा। नामांकन पत्रों की बिक्री भी मंगलवार को शुरू हो गई। जिला पंचायत अध्यक्ष की तरह इस चुनाव में भी भाजपा और सपा के बीच मुख्य मुकाबला होता दिख रहा है। हालांकि प्रत्याशियों के चयन को लेकर भाजपा में अभी असमंजस की स्थिति है। ऐसे में हर ब्लाक में संभावित प्रत्याशियों ने फार्म लिए। वहीं सपा की ओर से 19 ब्लाक में प्रत्याशियों की सूची जारी हो चुकी है। इस तरह से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ सदस्यों की घेराबंदी शुरू हो गई है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार इस चुनाव में भी ज्यादातर क्षेत्र पंचायत सदस्य गायब हो गए हैं। उनके जिले से बाहर जाने की बात तो नहीं कही जा रही लेकिन विपक्षी खेमें से उनका संपर्क न होने पाए इसके लिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सपा को भीतरघात का सामना करना पड़ा था। इसलिए इस बार और सतर्कता बरती जा रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि जिला पंचायत चुनाव में धोखा देने वाले नेताओं की सूची तैयार कर ली गई है। सूची में शमिल नेताओं के साथ उनके करीबियों को भी प्रचार अभियान से बाहर रखा गया है।
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