वाराणसी में गंगा की लहरों पर क्रूज और रो-रो के साथ ही अब सीएनजी नावें भी चलेंगी। डीजल इंजन संचालित नावों को अब सीएनजी में तब्दील करने की परियोजना गति पकड़ रही है। उम्मीद है कि देव दीपावली के भव्य आयोजन में दुनियाभर से आने वाले सैलानियों के बीच सीएनजी नाव गंगा में फर्राटा भरेंगी। गेल इंडिया के सहयोग से अब तक 90 से ज्यादा नावों को सीएनजी में तब्दील किया गया है। करीब 100 नावों के इंजन में बदलाव के लिए चिह्नित किया गया है। 12 किलोग्राम के टैंक वाले इंजन से करीब 100 किलोमीटर का सफर आसानी से तय किया जा सकेगा। जबकि डीजल इंजन वाले नाव पांच लीटर डीजल में अस्सी से राजघाट का चार ही चक्कर लगा पाते हैं। गेल इंडिया खिड़किया घाट पर जेटी बनाकर फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन तैयार कर रहा है। इसके शुरू होने के बाद नावों के इंजन में बदलाव में तेजी जाएगी।
परियोजना का शुभारंभ केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया था। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए छोटी-बड़ी लगभग 2000 नाव को सीएनजी में बदला जाना है। ट्रायल रन होने के बाद गेल व नगर निगम के अधिकारियों ने तैयारियों को और धार देना शुरू कर दिया है। गेल अधिकारियों के अनुसार, गेल और नगर निगम के बीच नाव को सीएनजी में बदलने के लिए सीएसआर फंड के माध्यम से 29.7 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने को समझौता हुआ है। यह धन गेल, नगर निगम को उपलब्ध कराएगा। छोटी नाव पर करीब 60 से 70 हजार की लागत आएगी। बड़ी नाव और बजरे पर लगभग दो लाख का खर्च आएगा।मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि नावों को सीएनजी में तब्दील करने की योजना पर काम चल रहा है। सीएनजी स्टेशन शुरू होने के बाद इस परियोजना में और गति आएगी। गेल इंडिया और नगर निगम के कामों का पर्यवेक्षण कराया जा रहा है।
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