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गाजियाबाद में होगा मछली पालन, 100 एकड़ के जलाशय से की गई शुरुआत

तेजेश चौहान, गाजियाबादगाजियाबाद में भी अब मछली पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मसूरी इलाके में बंजर पड़ी जमीन पर जलाशाय बनाया गया है। इस जलाशय को प्रशासन ने 10 साल के ठेके पर देकर उसे रोल मॉडल के तौर पर तैयार किया है। यह बड़ा जलाशय पिछले 1 साल से तैयार किया जा रहा था। जलाशय में मत्स्य बीज संचय की शुरुआत रविवार को कर दी गई है। साथ ही जलाशय के चारो तरफ पौधारोपण भी किया गया है। 100 एकड़ में तैयार किया गयाफिश फार्मिंग करने वाले रजनीश चौधरी ने बताया कि उन्होंने पहले एमएनसी और टेलीकॉम कंपनी में जॉब किया था और सन 2018 से उन्होंने जॉब छोड़कर 12 एकड़ से फिश फार्मिंग की शुरुआत की थी। अब इस जलाशय को मिलाकर 100 एकड़ में फिश फार्मिंग कर रहे हैं। गाजियाबाद के मसूरी इलाके में भी यह जमीन बंजर पड़ी हुई थी। इसे 10 साल के लिए टेंडर के जरिए ठेके पर लिया गया है और पिछले 1 साल से इसे विकसित किया जा रहा था, जो पूरी तरह तैयार हो चुका है।

अब रविवार को मत्स्य बीज संचय की शुरुआत की गई है।UP Politics: कांग्रेस अध्यक्ष ने बोला हमला, कहा- योगी और अखिलेश सरकार में अपनी जाति के लोगों को नौकरी में दी प्राथमिकतामत्स्य पालन की अन्य जिलों में भी की जाएगी शुरुआतमत्स्य पालन निदेशक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि गाजियाबाद एवं दिल्ली-एनसीआर में भी अब मत्स्य पालन बड़े स्तर पर किया जाएगा। इसकी शुरुआत रविवार से मसूरी इलाके में की गई है। इस इलाके में यह जमीन बंजर पड़ी हुई थी। जिसका इस्तेमाल मत्स्य पालन के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने बताया इस जलाशय को रोल मॉडल के रूप में तैयार किया गया है, ताकि इसे देखकर अन्य युवा भी मछली पालन की तरफ ध्यान दें और इसके जरिए एक नए रोजगार की तरफ जाएं। इस दौरान बड़ी संख्या में युवा और मछली पालन करने के इच्छुक किसान भी पहुंचे। इस जलाशय को विकसित करने के लिए भी नेशनल कृषि डेवलपमेंट बोर्ड हैदराबाद को इस परियोजना को दिया गया है। इस परियोजना को भारत सरकार ने भी चिह्नित कर लिया है और जल्द ही इस जलाशय को देखने के बाद अन्य जिलों में भी इस तरह की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।