पंकज मिश्रा, हमीरपुरउत्तर प्रदेश के हमीरपुर में संयुक्त जिला अस्पताल को बिजली से 24 घंटे रोशन करने के लिए यहां सात करोड़ की लागत के पावरहाउस के निर्माण कार्यों में अब ग्रहण लग गया है। अभी तक साढ़े चार करोड़ से अधिक की धनराशि भी खर्च हो चुकी है। कार्यदायी संस्था शासन से फंड न मिलने से परेशान है।हमीरपुर में जिला पुरुष और महिला अस्पताल की सेवाएं न सिर्फ शहर के लोगों को मिलती हैं, बल्कि समूचे क्षेत्र के लोग भी बीमार होने पर यहां इलाज कराने आते हैं। सर्वाधिक गांवों से बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुषों को यहां अस्पताल में चिकित्सीय सेवाएं मिलती हैं, इसीलिए हर रोज दोनों अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ रहती है। अखिलेश यादव की सरकार में बिजली आपूर्ति की बोगस व्यवस्था के कारण मरीजों को गर्मी में बड़ी दिक्कतें उठानी पड़ती थी। खासकर अस्पतालों के वार्डों में भर्ती मरीजों को बिजली कटौती के कारण बेहाल होते थे।प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार में चिकित्सीय सेवाओं में सुधार के साथ ही अस्पतालों का कायाकल्प भी कराया गया। अस्पताल के परिसर में पावरहाउस की स्थापना के कार्य कराए जाने वाली आवास विकास परिषद की निर्माण इकाई के अवर अभियंता मनोज पाण्डेय ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में पावरहाउस के कार्य मार्च से ठप है। शासन से डिमांड करने के बाद भी अभी तक बाकी फंड नहीं मिला है
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