बलिया में अनियमित तरीके से नौकरी पाने वाले करीब 20 शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों के वेतन पर डीआईओएस डॉ. ब्रजेश मिश्र ने रोक लगा दी है। एक विद्यालय की प्रबंध समिति भंग कर विभागीय जांच बैठा दी गई है। जल्द मामले में बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।जिन 20 शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगी है, उनमें नवानगर ब्लॉक क्षेत्र के एक विद्यालय के आठ शिक्षक शामिल हैं। इन पर कूट रचना कर नौकरी पाने का आरोप है। सोहांव ब्लाक के एक विद्यालय में तैनात एक अध्यापक पर एक ही वर्ष में यूपी और बिहार बोर्ड से हाईस्कूल की परीक्षा पास करने के आरोप की पुष्टि हुई है। रेवती ब्लॉक क्षेत्र के एक विद्यालय के दस शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों के वेतन में अनियमितता पाए जाने पर रोका गया है। बेलहरी ब्लॉक के एक विद्यालय की प्रबंध समिति को भंग करते हुए वहां के एक अध्यापक का वेतन रोक दिया गया है। विभागीय जांच भी बैठा दी है।
जिले में कुल 91 मान्यता प्राप्त कालेज हैं। इनमें 30 कॉलेजों के प्रबंधन ने 2011 से 2016 के मध्य पद से अधिक 42 शिक्षकों की नियुक्तियां कर लीं। इसमें कई कालेजों के प्रबंधक, पूर्व डीआईओएस और अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव ने मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) की वाराणसी शाखा को सौंप दी। साथ ही सबका वेतन रोकने का आदेश दे दिया। एक साल पहले कई शिक्षकों के वेतन जारी कर दिए गए। इस पर शासन ने आपत्ति जताते हुए वर्ष 2020 में प्रकरण की नए सिरे से जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी।
बलिया में अनियमित तरीके से नौकरी पाने वाले करीब 20 शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों के वेतन पर डीआईओएस डॉ. ब्रजेश मिश्र ने रोक लगा दी है। एक विद्यालय की प्रबंध समिति भंग कर विभागीय जांच बैठा दी गई है। जल्द मामले में बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
जिन 20 शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगी है, उनमें नवानगर ब्लॉक क्षेत्र के एक विद्यालय के आठ शिक्षक शामिल हैं। इन पर कूट रचना कर नौकरी पाने का आरोप है। सोहांव ब्लाक के एक विद्यालय में तैनात एक अध्यापक पर एक ही वर्ष में यूपी और बिहार बोर्ड से हाईस्कूल की परीक्षा पास करने के आरोप की पुष्टि हुई है। रेवती ब्लॉक क्षेत्र के एक विद्यालय के दस शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों के वेतन में अनियमितता पाए जाने पर रोका गया है। बेलहरी ब्लॉक के एक विद्यालय की प्रबंध समिति को भंग करते हुए वहां के एक अध्यापक का वेतन रोक दिया गया है। विभागीय जांच भी बैठा दी है।
30 शिक्षण संस्थाओं में पद से अधिक नियुक्तियां
जिले में कुल 91 मान्यता प्राप्त कालेज हैं। इनमें 30 कॉलेजों के प्रबंधन ने 2011 से 2016 के मध्य पद से अधिक 42 शिक्षकों की नियुक्तियां कर लीं। इसमें कई कालेजों के प्रबंधक, पूर्व डीआईओएस और अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव ने मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) की वाराणसी शाखा को सौंप दी। साथ ही सबका वेतन रोकने का आदेश दे दिया। एक साल पहले कई शिक्षकों के वेतन जारी कर दिए गए। इस पर शासन ने आपत्ति जताते हुए वर्ष 2020 में प्रकरण की नए सिरे से जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी।
नियुक्तियों में अनियमितता पाए जाने पर 20 शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों का वेतन रोका गया है। एक विद्यालय में प्रबंधकीय विवाद और फर्जी नियुक्ति करने के आरोप में प्रबंध समिति को भंग किया गया है। विभागीय जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट प्राप्त होने पर कार्रवाई होगी। – डॉ. ब्रजेश मिश्र, डीआईओएस, बलिया।
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