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यूपीपीएससी: सीधी भर्ती में स्क्रीनिंग परीक्षा के भी जोड़े जाएं अंक

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से आयोजित की जाने वाली सीधी भर्तियों में स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक भी जोड़े जाएं। प्रतियोगी छात्रों ने इस मांग को लेकर आयोग के अध्यक्ष को ऑनलाइन ज्ञापन प्रेषित किया है। प्रतियोगियों का कहना है कि सीधी भर्ती हमेशा विवादों से घिरी रही। केवल इंटरव्यू के आधार पर किसी अभ्यर्थी की योग्यता का आकलन नहीं किया जा सकता। ऐसे में स्क्रीनिंग परीक्षा में मिले अंकों को भी जोड़ा जाना चाहिए।
आयोग की ओर से जितनी सीधी भर्तियों का आयोजन किया जाता है, उनमें आवेदकों की संख्या अधिक होने की स्थिति में स्क्रीनिंग परीक्षा के माध्यम से उनकी छंटनी की जाती है और इसके बाद अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। केवल इंटरव्यू में मिले अंकों के आधार पर अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित किया जाता है और इस प्रक्रिया का प्रतियोगी छात्र लगातार विरोध करते रहे हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने अब आयोग के नए अध्यक्ष संजय श्रीनेत से मांग की है कि इंटरव्यू में स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक जोड़कर ही अंतिम चयन परिणाम जारी किया जाएगा।
समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि सीधी भर्ती में गड़बड़ी की आशंका हमेशा बनी रहती है। अक्सर आरोप लगते हैं कि इंटरव्यू में मनमाने अंक देकर अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया। आयोग की परीक्षाओं की सीबीआई जांच इसका उदाहरण है, जहां जांच के दौरान सीबीआई को भ्रष्टाचार की सर्वाधिक शिकायत सीधी भर्तियों को लेकर मिलीं। ऐसी परीक्षाओं की संख्या 550 के आसपास है। ऐसे में प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति मांग करती है कि स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक जोड़कर चयन सूची जारी की जाए।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से आयोजित की जाने वाली सीधी भर्तियों में स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक भी जोड़े जाएं। प्रतियोगी छात्रों ने इस मांग को लेकर आयोग के अध्यक्ष को ऑनलाइन ज्ञापन प्रेषित किया है। प्रतियोगियों का कहना है कि सीधी भर्ती हमेशा विवादों से घिरी रही। केवल इंटरव्यू के आधार पर किसी अभ्यर्थी की योग्यता का आकलन नहीं किया जा सकता। ऐसे में स्क्रीनिंग परीक्षा में मिले अंकों को भी जोड़ा जाना चाहिए।

आयोग की ओर से जितनी सीधी भर्तियों का आयोजन किया जाता है, उनमें आवेदकों की संख्या अधिक होने की स्थिति में स्क्रीनिंग परीक्षा के माध्यम से उनकी छंटनी की जाती है और इसके बाद अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। केवल इंटरव्यू में मिले अंकों के आधार पर अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित किया जाता है और इस प्रक्रिया का प्रतियोगी छात्र लगातार विरोध करते रहे हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने अब आयोग के नए अध्यक्ष संजय श्रीनेत से मांग की है कि इंटरव्यू में स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक जोड़कर ही अंतिम चयन परिणाम जारी किया जाएगा।

समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि सीधी भर्ती में गड़बड़ी की आशंका हमेशा बनी रहती है। अक्सर आरोप लगते हैं कि इंटरव्यू में मनमाने अंक देकर अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया। आयोग की परीक्षाओं की सीबीआई जांच इसका उदाहरण है, जहां जांच के दौरान सीबीआई को भ्रष्टाचार की सर्वाधिक शिकायत सीधी भर्तियों को लेकर मिलीं। ऐसी परीक्षाओं की संख्या 550 के आसपास है। ऐसे में प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति मांग करती है कि स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक जोड़कर चयन सूची जारी की जाए।