वाराणसी के चौबेपुर थाना के अमौली गांव निवासी युवक अमित मौर्य के धर्मांतरण मामले की जांच को लेकर पुलिस की टीमें सक्रिय हो गई हैं। इस मामले में शासन स्तर से भी जांच रिपोर्ट मांगी गई है। इस मामले की जांच एटीएस करेगी। हालांकि इस बारे में पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से अभी कतरा रहे हैं। पुलिस यह भी जानकारियां जुटाएगी कि पिछले दो साल से अब तक युवक किससे संपर्क में रहा। अमौली गांव में दूसरे दिन भी इस मामले की चर्चाएं जोरों पर रहीं। एमबीए पास युवक शहर स्थित एक निजी अस्पताल में कार्यरत है। चौबेपुर थाने की पुलिस ने भी परिजनों और ग्राम प्रधान पति से बातचीत कर अन्य जानकारियां हासिल की। हालांकि युवक ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि सिर्फ उमरा के लिए धर्मांतरण कराया था लेकिन अपना नाम नहीं बदला है।
नौकरी और अन्य जगहों पर उसका यही नाम चल रहा है।पुलिस एक अधिकारी ने बताया कि धर्मांतरण मामले की जांच एटीएस को सौंपी गई है। अमौली गांव निवासी अमित कुमार वर्मा ने दो साल पूर्व मुस्लिम युवती से प्रेम विवाह के बाद उमरा जाने के लिए अपना धर्मांतरण कराया था। धर्मांतरण फार्म अचानक से वायरल हुआ तो यह भेद खुला और परिजनों को भी इस बारे में जानकारी मिली। इसके पहले परिजन अब तक बेटे को अविवाहित बता रहे थे। वहीं अमित कुमार मौर्य पत्नी और नौ माह के बच्चे के साथ शहर स्थित किराये के मकान में रहता है। कभी-कभी वह गांव जाता है।
एसपी ग्रामीण अमित वर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया पर धर्मांतरण फार्म में अमौली गांव निवासी अमित कुमार मौर्य का फार्म वायरल हुआ। इसके बाद चौबेपुर पुलिस अमौली गांव में परिजनों से पूछताछ की तो परिजनों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। शाम तक अमित से पूछताछ हुई तो अमित ने बताया कि मुस्लिम युवती से प्रेम करता था और उससे शादी की। दोनों का नौ माह का एक बच्चा भी है। युवक के अनुसार पत्नी ने इच्छा जताई कि उमरा करने जाना है। इसके बाद बगैर किसी जोर जबरदस्ती और दबाव में आकर दो साल पहले 15 फरवरी 2020 को इस्लाम धर्म अपनाकर दस्तावेज बनवाया। हालांकि कोविड के चलते उमरा भी नहीं किया जा सका। अमित कुमार ने बताया कि एमबीए करने के बाद वर्तमान में जिस चिकित्सालय में नौकरी कर रहा है और अन्य जगहों पर हिंदू नाम का ही प्रयोग किया जाता है।
वाराणसी के चौबेपुर थाना के अमौली गांव निवासी युवक अमित मौर्य के धर्मांतरण मामले की जांच को लेकर पुलिस की टीमें सक्रिय हो गई हैं। इस मामले में शासन स्तर से भी जांच रिपोर्ट मांगी गई है। इस मामले की जांच एटीएस करेगी। हालांकि इस बारे में पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से अभी कतरा रहे हैं। पुलिस यह भी जानकारियां जुटाएगी कि पिछले दो साल से अब तक युवक किससे संपर्क में रहा।
अमौली गांव में दूसरे दिन भी इस मामले की चर्चाएं जोरों पर रहीं। एमबीए पास युवक शहर स्थित एक निजी अस्पताल में कार्यरत है। चौबेपुर थाने की पुलिस ने भी परिजनों और ग्राम प्रधान पति से बातचीत कर अन्य जानकारियां हासिल की। हालांकि युवक ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि सिर्फ उमरा के लिए धर्मांतरण कराया था लेकिन अपना नाम नहीं बदला है। नौकरी और अन्य जगहों पर उसका यही नाम चल रहा है।
पुलिस एक अधिकारी ने बताया कि धर्मांतरण मामले की जांच एटीएस को सौंपी गई है। अमौली गांव निवासी अमित कुमार वर्मा ने दो साल पूर्व मुस्लिम युवती से प्रेम विवाह के बाद उमरा जाने के लिए अपना धर्मांतरण कराया था। धर्मांतरण फार्म अचानक से वायरल हुआ तो यह भेद खुला और परिजनों को भी इस बारे में जानकारी मिली। इसके पहले परिजन अब तक बेटे को अविवाहित बता रहे थे। वहीं अमित कुमार मौर्य पत्नी और नौ माह के बच्चे के साथ शहर स्थित किराये के मकान में रहता है। कभी-कभी वह गांव जाता है।
एसपी ग्रामीण अमित वर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया पर धर्मांतरण फार्म में अमौली गांव निवासी अमित कुमार मौर्य का फार्म वायरल हुआ। इसके बाद चौबेपुर पुलिस अमौली गांव में परिजनों से पूछताछ की तो परिजनों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। शाम तक अमित से पूछताछ हुई तो अमित ने बताया कि मुस्लिम युवती से प्रेम करता था और उससे शादी की। दोनों का नौ माह का एक बच्चा भी है। युवक के अनुसार पत्नी ने इच्छा जताई कि उमरा करने जाना है। इसके बाद बगैर किसी जोर जबरदस्ती और दबाव में आकर दो साल पहले 15 फरवरी 2020 को इस्लाम धर्म अपनाकर दस्तावेज बनवाया। हालांकि कोविड के चलते उमरा भी नहीं किया जा सका। अमित कुमार ने बताया कि एमबीए करने के बाद वर्तमान में जिस चिकित्सालय में नौकरी कर रहा है और अन्य जगहों पर हिंदू नाम का ही प्रयोग किया जाता है।
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