वाराणसी में सावन के महीने में श्री काशी विश्वनाथ धाम आने वाले शिवभक्तों को मंदिर चौक का भव्य नजारा देखने को मिलेगा। सी शेप में निर्मित हो रहे मंदिर चौका का निर्माण सावन के पहले पूर्ण हो जाएगा। इसके अलावा धाम के कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने का निर्देश दिया गया है। अभी तक मंदिर परिक्षेत्र में 56 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है।बुधवार को मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय में श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना की समीक्षा बैठक हुई। मंडलायुक्त ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम में मुख्य मंदिर परिसर के अलावा मंदिर चौक, जलपान केंद्र, गेस्ट हाउस, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, मुमुक्षु भवन अस्पताल का निर्माण अब पूरा होने की तरफ है। मंदिर चौक अब सी शेप में दिख रहा है और निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद यहां से सीधे मां गंगा के दर्शन किया जा सकेंगे।उन्होंने बताया कि गंगा घाट पर जेटी का कार्य पूर्ण हो चुका है और अब फिनिशिंगका काम शुरू होना है। वहीं धाम क्षेत्र की 23 में से 19 इमारतों पर कार्य चल रहा है। मंदिर परिसर में गर्भगृह से लगा हुआ बैकुंठ मंदिर, दंडपाणि के साथ तारकेश्वर और रानी भवानी मंदिर रहेगा। इसके अलावा गर्भगृह से लगे बाकी विग्रह को परिसर के पास ही बनाया जाएगा। परिसर में 34 फीट ऊंचाई वाले चार गेट होंगे। कोरोना संक्रमण के कारण काशी विश्वनाथ धाम की डेडलाइन 15 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। मंदिर के मुख्य परिसर में पत्थर लगाने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है।
वाराणसी में सावन के महीने में श्री काशी विश्वनाथ धाम आने वाले शिवभक्तों को मंदिर चौक का भव्य नजारा देखने को मिलेगा। सी शेप में निर्मित हो रहे मंदिर चौका का निर्माण सावन के पहले पूर्ण हो जाएगा। इसके अलावा धाम के कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने का निर्देश दिया गया है। अभी तक मंदिर परिक्षेत्र में 56 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है।
बुधवार को मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय में श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना की समीक्षा बैठक हुई। मंडलायुक्त ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम में मुख्य मंदिर परिसर के अलावा मंदिर चौक, जलपान केंद्र, गेस्ट हाउस, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, मुमुक्षु भवन अस्पताल का निर्माण अब पूरा होने की तरफ है। मंदिर चौक अब सी शेप में दिख रहा है और निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद यहां से सीधे मां गंगा के दर्शन किया जा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि गंगा घाट पर जेटी का कार्य पूर्ण हो चुका है और अब फिनिशिंगका काम शुरू होना है। वहीं धाम क्षेत्र की 23 में से 19 इमारतों पर कार्य चल रहा है। मंदिर परिसर में गर्भगृह से लगा हुआ बैकुंठ मंदिर, दंडपाणि के साथ तारकेश्वर और रानी भवानी मंदिर रहेगा। इसके अलावा गर्भगृह से लगे बाकी विग्रह को परिसर के पास ही बनाया जाएगा। परिसर में 34 फीट ऊंचाई वाले चार गेट होंगे। कोरोना संक्रमण के कारण काशी विश्वनाथ धाम की डेडलाइन 15 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। मंदिर के मुख्य परिसर में पत्थर लगाने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है।
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