सार
दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर कई जिलों में फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी हथियाने का मामला सामने आने के बाद शासन ने वर्ष 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच का निर्देश दिया था। फर्जी शिक्षकों पर इस कार्रवाई के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है।
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उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे आठ शिक्षक बुधवार को बर्खास्त कर दिए गए। बीएचयू में हुए परीक्षण के बाद इनकी दिव्यांगता रिपोर्ट फर्जी पाई गई। रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने सभी को बर्खास्त करते हुए उनके विरुद्ध केस दर्ज कराने का आदेश दिया है। वेतन के रूप में ली गई धनराशि की वसूली भी की जाएगी। फर्जी शिक्षकों पर इस कार्रवाई के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है। दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर कई जिलों में फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी हथियाने का मामला सामने आने के बाद शासन ने वर्ष 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच का निर्देश दिया था। बीएचयू में मेडिकल बोर्ड गठित कर इस कोटे से जिले में नियुक्त शिक्षकों की जांच कराई गई थी। चिकित्सकीय परीक्षण में आठ शिक्षक पूरी तरह ठीक मिले हैं। किसी ने श्रवण बाधित तो किसी ने खुद को दृष्टि बाधित बताते हुए दिव्यांगता रिपोर्ट बनवाई थी। जांच में इनकी रिपोर्ट फर्जी मिली है।जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने एडीएम योगेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में त्रिस्तरीय कमेटी गठित की थी। कमेटी ने विभिन्न बिंदुओं पर पड़ताल के बाद सभी आठ शिक्षकों के बर्खास्तगी की संस्तुति की। बीएसए डॉ. गोरखनाथ पटेल ने बताया कि चिकित्सकीय परीक्षण और जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आठों शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर मुकदमा दर्ज कराते हुए वेतन के रुप में लिए गए धन की रिकवरी के लिए संबंधित बीईओ को निर्देशित किया गया है।
बीएसए के मुताबिक प्राथमिक विद्यालय भठिहवां में तैनात सहायक अध्यापक अभिषेक सिंह, प्राथमिक विद्यालय बैजनाथ के सहायक अध्यापक संतोष यादव, चरकोनवा के प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र मौर्य, गौरहीं की सहायक अध्यापक स्वर्णलता सिंह श्रवण बाधित थीं। बीएचयू में उनकी दिव्यांगता का परीक्षण हुआ तो सभी अयोग्य पाए गए। इस आधार पर उनकी बर्खास्तगी की गई है।इसी तरह महुआंव कला के सहायक अध्यापक प्रदीप कुमार देव पांडेय, उच्च प्राथमिक विद्यालय गड़ौरा के सहायक अध्यापक राजेश कुमार यादव, प्राथमिक विद्यालय बिसरेखी के सहायक अध्यापक राम प्रसाद और प्राथमिक विद्यालय लक्षिमनपुर की सहायक अध्यापक रूचि राय भी बीएचयू में हुई जांच में दिव्यांगता में अवैध पाया गया।ये शिक्षक दृष्टिबाधित दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे थे। बीएसए ने बताया कि मुख्य चिकित्साधिकारी ने बीएचयू की रिपोर्ट के आधार पर सभी का दिव्यांगता प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया। त्रिस्तरीय जांच कमेटी के अध्यक्ष एडीएम योगेंद्र बहादुर सिंह के आदेश पर सभी आठ शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया।
विस्तार
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे आठ शिक्षक बुधवार को बर्खास्त कर दिए गए। बीएचयू में हुए परीक्षण के बाद इनकी दिव्यांगता रिपोर्ट फर्जी पाई गई। रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने सभी को बर्खास्त करते हुए उनके विरुद्ध केस दर्ज कराने का आदेश दिया है। वेतन के रूप में ली गई धनराशि की वसूली भी की जाएगी। फर्जी शिक्षकों पर इस कार्रवाई के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है।
दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर कई जिलों में फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी हथियाने का मामला सामने आने के बाद शासन ने वर्ष 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच का निर्देश दिया था। बीएचयू में मेडिकल बोर्ड गठित कर इस कोटे से जिले में नियुक्त शिक्षकों की जांच कराई गई थी। चिकित्सकीय परीक्षण में आठ शिक्षक पूरी तरह ठीक मिले हैं। किसी ने श्रवण बाधित तो किसी ने खुद को दृष्टि बाधित बताते हुए दिव्यांगता रिपोर्ट बनवाई थी। जांच में इनकी रिपोर्ट फर्जी मिली है।
जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने एडीएम योगेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में त्रिस्तरीय कमेटी गठित की थी। कमेटी ने विभिन्न बिंदुओं पर पड़ताल के बाद सभी आठ शिक्षकों के बर्खास्तगी की संस्तुति की। बीएसए डॉ. गोरखनाथ पटेल ने बताया कि चिकित्सकीय परीक्षण और जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आठों शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर मुकदमा दर्ज कराते हुए वेतन के रुप में लिए गए धन की रिकवरी के लिए संबंधित बीईओ को निर्देशित किया गया है।
इन पर हुई कार्रवाई
बीएसए के मुताबिक प्राथमिक विद्यालय भठिहवां में तैनात सहायक अध्यापक अभिषेक सिंह, प्राथमिक विद्यालय बैजनाथ के सहायक अध्यापक संतोष यादव, चरकोनवा के प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र मौर्य, गौरहीं की सहायक अध्यापक स्वर्णलता सिंह श्रवण बाधित थीं। बीएचयू में उनकी दिव्यांगता का परीक्षण हुआ तो सभी अयोग्य पाए गए। इस आधार पर उनकी बर्खास्तगी की गई है।इसी तरह महुआंव कला के सहायक अध्यापक प्रदीप कुमार देव पांडेय, उच्च प्राथमिक विद्यालय गड़ौरा के सहायक अध्यापक राजेश कुमार यादव, प्राथमिक विद्यालय बिसरेखी के सहायक अध्यापक राम प्रसाद और प्राथमिक विद्यालय लक्षिमनपुर की सहायक अध्यापक रूचि राय भी बीएचयू में हुई जांच में दिव्यांगता में अवैध पाया गया।ये शिक्षक दृष्टिबाधित दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे थे। बीएसए ने बताया कि मुख्य चिकित्साधिकारी ने बीएचयू की रिपोर्ट के आधार पर सभी का दिव्यांगता प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया। त्रिस्तरीय जांच कमेटी के अध्यक्ष एडीएम योगेंद्र बहादुर सिंह के आदेश पर सभी आठ शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया।
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इन पर हुई कार्रवाई
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