लखनऊकोरोना काल में यूपी में पिछले साल की तुलना में करीब 46% अधिक मृत्यु प्रमाणपत्र जारी हुए हैं। जुलाई-2019 से अप्रैल-2020 के बीच सरकारी आंकड़ों में 5.78 लाख मौतें दर्ज हुई थीं। वहीं, जुलाई 2020 से अप्रैल 2021 के दौरान सरकारी रेकॉर्ड में मौतों की संख्या 8.47 लाख पहुंच गई।आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, इस अवधि में 2.68 लाख अधिक डेथ सर्टिफिकेट बने हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यूपी में अब तक कुल 22,282 मौते हीं कोविड संक्रमण के कारण हुई हैं।यूपी में कोविड का पहला केस मार्च 2020 मेंऐक्टिविस्ट सौरभ दास ने स्वास्थ्य निदेशालय से आरटीआई में 2019 से लेकर 2021 अप्रैल तक जारी किए गए डेथ सर्टिफिकेट का माहवार ब्योरा मांगा था। निदेशालय से मिले आंकड़े मृत्यु प्रमाणपत्र की संख्या में बढ़ोतरी दर्शा रहे हैं। यूपी में कोविड का पहला केस मार्च-2020 में आया था जबकि पहली मौत अप्रैल के पहले सप्ताह में दर्ज की गई थी।अप्रैल में 3 लाख से ज्यादा ऐक्टिव केसजुलाई से कोविड के केस तेज होने शुरू गए थे और पिछले साल सितंबर में कोविड की पहली लहर का पीक आया था।
वहीं, मार्च-21 में कोविड की दूसरी लहर का असर दिखना शुरू हुआ। 30 अप्रैल को प्रदेश में 3.10 लाख से अधिक ऐक्टिव केस थे जो अब घटकर 4000 से भी नीचे आ चुके हैं।लखनऊ में सात गुना ज्यादा बने मृत्यु प्रमाणपत्रआरटीआई में मिली जानकारी के मुताबिक कोविड संक्रमण से ठीक पहले जुलाई-2019 से अप्रैल-2020 तक लखनऊ में महज 5,769 डेथ सर्टिफिकेट जारी हुए थे, जबकि कोविड संक्रमण के दौरान जुलाई-2020 से अप्रैल-2021 के बीच करीब सात गुना ज्यादा 41,824 डेथ सर्टिफिकेट जारी हुए हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक लखनऊ में अब तक कोविड से 2,569 मौतें ही हुई हैं। लखनऊ के सीएमओ संजय भटनागर का कहना है कि कोविड से होने वाली मौतों का ऑडिट चल रहा है। कोविड से मौतों की जो संख्या पोर्टल पर दर्ज है वही सही है।
कोविड ड्यूटी में मौत तो परिवार को रु. 50 लाख, आदेश जारीयूपी में कोविड ड्यूटी में लगे किसी सरकारी कर्मचारी की मौत पर उसके आश्रित को 50 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। पिछले वित्तीय सत्र में यह आदेश जारी हुआ था, लेकिन इस बार आदेश न होने से असमंजस बना हुआ था। अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने मंगलवार को इस सत्र के लिए आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने सभी डीएम से 30 जून तक राहत आयुक्त कार्यालय के पोर्टल पर इसका डेटा फीड करने के निर्देश दिए हैं। इसका लाभ सभी विभागों, निगमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, प्राधिकरणों, अर्द्धसरकारी, संविदाकर्मी, दैनिक वेतन भोगी, आउटसोर्स, स्थायी/अस्थायी कर्मचारियों के आश्रितों को भी दिया जाएगा।
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