वाराणसी के मिर्जामुराद थाना के भिखीपुर गांव स्थित नेशनल हाइवे पर गांजा तस्करी में गिरफ्तार अंतरराज्यीय पांच तस्करों ने कई राज उगले हैं। कंटेनर में फर्जी नंबर प्लेट लगाकर गांजा आंध्र प्रदेश से कुशीनगर के लिए भेजा जा रहा था। गिरफ्तार तस्करों ने इसमें शामिल कई मास्टरमाइंड के नाम खोले। अब एसटीएफ मास्टरमाइंड तक पहुंचने की योजना पर काम कर रही है।पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ डॉ. राकेश कुमार मिश्रा के अनुसार कंटेनर में 10 क्विंटल 56 किलो गांजा बरामद किया गया। इसकी अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमत ढाई करोड़ रुपये आंकी गई है। गिरफ्तार आरोपियों में मुरादाबाद जिले के बेरठा मैनाखेर निवासी मोमिन, नफीस, मुकीम, वसीम और मुरादाबाद जिले के गाजीपुर (कुंदर) निवासी नसीम शामिल है।तस्करों के पास से एक ट्रक, एक स्कार्पियो, सात मोबाइल बरामद हुई। मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया। एसटीएफ की पूछताछ में तस्करों ने कबूला कि गांजा विशाखापट्टनम के रहने वाले मंगू दादा ने लोड कराया था। कहा गया था यूपी में सप्लाई देनी है
गांजा की खेप बिहार के मोहितारी निवासी मनोज चौधरी ने मंगाई थी, जो कुशीनगर में रहता है। गांजा को आंध्र प्रदेश से यूपी पहुंचाने का प्रति चक्कर चालक को ढाई लाख रुपये मिलता था। वहीं अन्य लोगों को 50-50 हजार मिलता था।
वाराणसी के मिर्जामुराद थाना के भिखीपुर गांव स्थित नेशनल हाइवे पर गांजा तस्करी में गिरफ्तार अंतरराज्यीय पांच तस्करों ने कई राज उगले हैं। कंटेनर में फर्जी नंबर प्लेट लगाकर गांजा आंध्र प्रदेश से कुशीनगर के लिए भेजा जा रहा था। गिरफ्तार तस्करों ने इसमें शामिल कई मास्टरमाइंड के नाम खोले। अब एसटीएफ मास्टरमाइंड तक पहुंचने की योजना पर काम कर रही है।
पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ डॉ. राकेश कुमार मिश्रा के अनुसार कंटेनर में 10 क्विंटल 56 किलो गांजा बरामद किया गया। इसकी अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमत ढाई करोड़ रुपये आंकी गई है। गिरफ्तार आरोपियों में मुरादाबाद जिले के बेरठा मैनाखेर निवासी मोमिन, नफीस, मुकीम, वसीम और मुरादाबाद जिले के गाजीपुर (कुंदर) निवासी नसीम शामिल है।
तस्करों के पास से एक ट्रक, एक स्कार्पियो, सात मोबाइल बरामद हुई। मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया। एसटीएफ की पूछताछ में तस्करों ने कबूला कि गांजा विशाखापट्टनम के रहने वाले मंगू दादा ने लोड कराया था। कहा गया था यूपी में सप्लाई देनी है
गांजा की खेप बिहार के मोहितारी निवासी मनोज चौधरी ने मंगाई थी, जो कुशीनगर में रहता है। गांजा को आंध्र प्रदेश से यूपी पहुंचाने का प्रति चक्कर चालक को ढाई लाख रुपये मिलता था। वहीं अन्य लोगों को 50-50 हजार मिलता था।
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