उत्तर प्रदेश सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान एवं महात्मा गांधी नरेगा योजना के मूल उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जाॅब कार्डधारक ग्रामीण परिवारों को उनकी मांग के अनुसार 100 दिवस का निश्चित रूप से रोजगार उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए हैं, जिससे ग्रामीण जनमानस में योजना के प्रति विश्वास की भावना बढ़े और आजीविका में संवर्धन के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पडे़।
इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव, ग्राम्य विकास विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों व जिला कार्यक्रम समन्वयकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। जिसमें उल्लिखित है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी स्कीम के तहत पूर्वी क्षेत्र हेतु प्रति ग्राम पंचायत न्यूनतम 200 परिवारों तथा पश्चिमी क्षेत्र हेतु प्रति ग्राम पंचायत न्यूनतम 100 परिवारों का चयन करते हुए 04 श्रमिक समूह बनाये जायेंगे। समूह के मांग के अनुसार इन्हें 100 दिवस का रोजगार प्रदान किया जायेगा। इसके अलावा चयनित समूह मंे सम्मिलित परिवारों के अतिरिक्त कार्य की मांग करने वाले अन्य परिवारों को भी पूर्व की भांति कार्य की मांग के 15 दिनों के अन्दर रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा।
जारी निर्देशों में कहा गया है कि चयनित परिवारों की सूची मनरेगा सेल को उपलब्ध कराने के साथ ही उसका सार्वजनिक प्रदर्शन विकास खण्ड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर किया जायेगा। मनरेगा में 90 दिन से अधिक कार्य करने वाले परिवारों का पंजीकरण उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में किया जायेगा, जिससे उन्हें सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके।
इसके अलावा मनरेगा के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद के लिए वित्तीय वर्ष में संभावित कार्यों का एक कैलेंडर भी बनाया जायेगा, जिससे श्रमिकों को ससमय कार्य पर नियोजित किया जा सके एवं बेरोजगारी भत्ता दिये जाने की स्थिति उत्पन्न न हो।
उल्लेखनीय है कि मनरेगा योजना प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कार्य हेतु इच्छुक श्रमिकों को 100 दिन का गारण्टीयुक्त रोजगार प्रदान करती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे श्रमिक अपने गांव में ही रहकर रोजगार प्राप्त कर सकें।
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