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बेटी की शादी में खर्च की टेंशन, सोशल मीडिया पर छलका पिता का दर्द फिर यूं हुई बेटी की भव्य विदाई

हमीरपुरउत्तर प्रदेश के हमीरपुर में एक भूमिहीन पिता अपनी बेटी की शादी के लिए सोशल मीडिया पर छलका तो मदद के लिए उसके दरवाजे पर समाजसेवियों की लाइन लग गई। प्रमुख समाजसेवियों ने बारात आने से कुछ ही घंटे में शादी का न सिर्फ सामान और गहने की व्यवस्था की बल्कि शादी का पंडाल और बारातियों के स्वागत और दावत का भी सारा इंतजाम कर दिया। जनाती के रूप में दूल्हे का स्वागत करते समाजसेवियों को देख बाराती भी दंग रह गए। आज गरीब बेटी की विदाई भी कर दी गई। हमीरपुर शहर के डिग्गी रमेड़ी मोहाल निवासी संतराम भूमिहीन है। ये मजदूरी करके किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करता है। इसने अपनी बेटी शिल्पी की शादी फतेहपुर जिले के मथुरापुर गांव में राहुल के साथ तय की थी। शादी रविवार को थी। शादी को लेकर घर में कोई इंतजाम न होने से पिता परेशान हो गया। इधर उधर उसने पैसे का इंतजाम करने के लिए रिश्तेदारों से बात की लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया। तब उसने सोशल मीडिया के जरिए मदद मांगने का फैसला किया।बुन्देलखंड रक्तदान समिति के प्रदेश अध्यक्ष अशोक निषाद उर्फ गुरु ने इस गरीब पिता की लाचारी देख सोशल मीडिया में एक पोस्ट डाला जिसमें गरीब बेटी की शादी में शामिल होने के लिए लोगों को आमंंत्रित किया गया।

सोशल मीडिया में गरीब पिता को आंसू बहाते देख कोविड फाइटर्स गरुप और समाजसेवियों ने जनाती बनकर बेटी की शादी का पूरा खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली। कोविड फाइटर्स के जावेद ने गरीब बेटी की शादी के लिये आर्थिक मदद दी वहीं बुन्देलखंड रक्तदान समिति के तत्वाधान में चालीस लोगों ने सत्तर हजार रुपये का शादी का सामान भी भेंट किया। समाजसेवियों की मदद से बेटी की हुई भव्य शादीबुन्देलखंड रक्तदान समिति के प्रदेश अध्यक्ष अशोक गुरु ने सोमवार को बताया कि शादी को भव्य बनाने के लिए पंडाल लगवाया गया। टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, सोफासेट, कूलर, अलमारी, बर्तन सहित हर जरूरत का सारा सामान उपलब्ध कराया गया है। कन्या को गहने और अन्य उपहार भी भेंट किया गया है। समाजसेवियों ने शादी की रस्मेंं निभाते हुये बेटी को किया विदागरीब कन्या की शादी में बारातियों का स्वागत समाजसेवियों ने करते हुये शादी की सभी रस्में की। टीका से लेकर विदाई तक सारी रस्में पूरी होते देख पिता की आंखें से भर आई। अशोक गुरु ने बताया कि चालीस लोगों की टीम ने इस शादी को सम्पन्न कराने में मदद की है। साथ ही भाई बनकर कन्या की विदाई भी की गई है।