उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित मां विंध्यवासिनी धाम में रविवार की दोपहर मंदिर बंद रहने के दौरान यजमानों को दर्शन कराने लेकर जा रहे एक तीर्थ पुरोहित की पुलिसकर्मियों से झड़प हो गई। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने पुरोहित की पिटाई कर दी। इसको लेकर पुलिस और पंडा आमने-सामने हो गए। पुलिस तीर्थ पुरोहित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में जुटी है।दोपहर 12 बजे के करीब एक तीर्थ पुरोहित अपने यजमान को दर्शन कराने के लिए मां विंध्यवासिनी मंदिर की ओर जा रहा था। वह सीढ़ी के पास रस्सी के बैरिकेडिंग से दर्शनार्थियों को अंदर कर रहा था। इस पर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की। आरोप है कि एक पुलिसकर्मी ने पुरोहित का गमछा पकड़कर खींच लिया। इसको लेकर पुलिस और पुरोहित में झड़प हो गई।आरोप है कि इसके बाद पुलिसकर्मियों ने पुरोहित की जमकर पिटाई कर दी। घटना के बाद बड़ी संख्या में पंडा समाज के लोग जुट गए और पुलिस प्रशासन पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इससे पहले एक जिले के डीएम और सीडीओ को दर्शन कराया गया।
मंदिर पर तैनात पुलिसकर्मी अपने परिचितों को कोरोना कर्फ्यू में दर्शन करा रहे हैं। तब किसी नियम का पालन नहीं किया जाता, लेकिन पुरोहित बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन करा रहे हैं तो उनको रोका जा रहा है। सूचना पर विंध्याचल कोतवाल शेषधर पांडे, धाम चौकी प्रभारी इंद्र भूषण मिश्र व धाम सुरक्षा प्रभारी रविंद्र यादव पहुंचे और बातचीत कर मामले का शांत कराया।विंध्याचल कोतवाल ने कहा कि पुरोहित कोविड नियमों का उल्लंघन कर दर्शन कराने के लिए लेकर जा रहा था। रोकने पर उसने पुलिस पर हमला कर दिया। इस पर पुलिस ने बचाव में उसे रोका। मामले की जांच की जा रही है। मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को दर्शन कराने के आरोप पर कहा कि उसकी भी जांच होगी। घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। इसमें साफ दिख रहा है कि पुरोहित ने बैरिकेडिंग से दर्शनार्थियों को अंदर किया। इस पर एक पुलिए वाले ने उसका गमछा पीछे से खींच लिया। इस पर पुरोहित ने नाराजगी दिखाई तो पुलिसकर्मियों ने मिलकर उसकी पिटाई कर दी। लोगों के बीच-बचाव करने के बाद भी पुलिस पिटाई करती रही।
मामले में एसपी अजय कुमार सिंह ने कहा कि कोविड गाइडलाइन के अनुसार शनिवार व रविवार को मां विंध्यवासिनी मंदिर बंद रहता है। इसके बावजूद पंडा दर्शनार्थियों को मंदिर में दर्शन करवाने के लिए ले जा रहा था। रोकने पर उसने पुलिस से हाथापाई की। इसके बाद पुलिस ने उसे बलपूर्वक रोका। प्रकरण की क्षेत्राधिकारी नगर से जांच कराई जा रही है। नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने कहा कि मां के धाम पर मारपीट उचित नहीं है। हालांकि मुझको इसकी जानकारी नहीं है। मेरे विचार से मंदिर पर किसी भी प्रकार का विवाद उचित नहीं है।विंध्य पंडा समाज के पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक ने कहा कि मां के धाम में नियम सबके लिए बराबर है। मां के लिए सभी भक्त एक समान है। अफसरों को दर्शन कराकर अन्य भक्तों को रोकना गलत है।
कोरोना गाइडलाइन का पालन करना सबके लिए जरूरी है, पर विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन में आम और खास के लिए अलग-अलग नियमों का पालन होता दिखाई दे रहा है। शनिवार और रविवार को मंदिर बंद रहने के दौरान मंदिर पर तैनात पुलिसकर्मियों के कई बार अपने परिचितों को दर्शन कराने का वीडियो वायरल हो चुका है, पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।रविवार को एक पुरोहित अपने यजमान को दर्शन कराने के लिए लेकर जा रहा था तो पुलिस ने उसकी पिटाई कर दी। पंडा समाज ने आरोप लगाया कि इससे पहले एक जिले के डीएम और सीडीओ दर्शन करके गए हैं। उनको नहीं रोका गया। सवाल उठाया कि क्या अधिकारी नियमों से ऊपर है, नियम सिर्फ आम दर्शनार्थियों के लिए है।
मां विंध्यवासिनी परिसर पर पुलिस और तीर्थ पुरोहित में झड़प होने के बाद मंदिर परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई। मंदिर परिसर में सिर्फ पुलिसकर्मी और तीर्थ पुरोहित हैं। मंदिर परिसर में पंडा समाज कार्यालय से लगातार एनाउंसमेंट किया जा रहा है कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पूजन प्रतिबंधित है।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित मां विंध्यवासिनी धाम में रविवार की दोपहर मंदिर बंद रहने के दौरान यजमानों को दर्शन कराने लेकर जा रहे एक तीर्थ पुरोहित की पुलिसकर्मियों से झड़प हो गई। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने पुरोहित की पिटाई कर दी। इसको लेकर पुलिस और पंडा आमने-सामने हो गए। पुलिस तीर्थ पुरोहित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में जुटी है।
दोपहर 12 बजे के करीब एक तीर्थ पुरोहित अपने यजमान को दर्शन कराने के लिए मां विंध्यवासिनी मंदिर की ओर जा रहा था। वह सीढ़ी के पास रस्सी के बैरिकेडिंग से दर्शनार्थियों को अंदर कर रहा था। इस पर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की। आरोप है कि एक पुलिसकर्मी ने पुरोहित का गमछा पकड़कर खींच लिया। इसको लेकर पुलिस और पुरोहित में झड़प हो गईआरोप है कि इसके बाद पुलिसकर्मियों ने पुरोहित की जमकर पिटाई कर दी। घटना के बाद बड़ी संख्या में पंडा समाज के लोग जुट गए और पुलिस प्रशासन पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि इससे पहले एक जिले के डीएम और सीडीओ को दर्शन कराया गया।
मंदिर पर तैनात पुलिसकर्मी अपने परिचितों को कोरोना कर्फ्यू में दर्शन करा रहे हैं। तब किसी नियम का पालन नहीं किया जाता, लेकिन पुरोहित बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन करा रहे हैं तो उनको रोका जा रहा है। सूचना पर विंध्याचल कोतवाल शेषधर पांडे, धाम चौकी प्रभारी इंद्र भूषण मिश्र व धाम सुरक्षा प्रभारी रविंद्र यादव पहुंचे और बातचीत कर मामले का शांत कराया।विंध्याचल कोतवाल ने कहा कि पुरोहित कोविड नियमों का उल्लंघन कर दर्शन कराने के लिए लेकर जा रहा था। रोकने पर उसने पुलिस पर हमला कर दिया। इस पर पुलिस ने बचाव में उसे रोका। मामले की जांच की जा रही है। मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को दर्शन कराने के आरोप पर कहा कि उसकी भी जांच होगी। घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। इसमें साफ दिख रहा है कि पुरोहित ने बैरिकेडिंग से दर्शनार्थियों को अंदर किया। इस पर एक पुलिए वाले ने उसका गमछा पीछे से खींच लिया। इस पर पुरोहित ने नाराजगी दिखाई तो पुलिसकर्मियों ने मिलकर उसकी पिटाई कर दी। लोगों के बीच-बचाव करने के बाद भी पुलिस पिटाई करती रही।
मामले में एसपी अजय कुमार सिंह ने कहा कि कोविड गाइडलाइन के अनुसार शनिवार व रविवार को मां विंध्यवासिनी मंदिर बंद रहता है। इसके बावजूद पंडा दर्शनार्थियों को मंदिर में दर्शन करवाने के लिए ले जा रहा था। रोकने पर उसने पुलिस से हाथापाई की। इसके बाद पुलिस ने उसे बलपूर्वक रोका। प्रकरण की क्षेत्राधिकारी नगर से जांच कराई जा रही है। नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने कहा कि मां के धाम पर मारपीट उचित नहीं है। हालांकि मुझको इसकी जानकारी नहीं है। मेरे विचार से मंदिर पर किसी भी प्रकार का विवाद उचित नहीं है।विंध्य पंडा समाज के पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक ने कहा कि मां के धाम में नियम सबके लिए बराबर है। मां के लिए सभी भक्त एक समान है। अफसरों को दर्शन कराकर अन्य भक्तों को रोकना गलत है।
कोरोना गाइडलाइन का पालन करना सबके लिए जरूरी है, पर विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन में आम और खास के लिए अलग-अलग नियमों का पालन होता दिखाई दे रहा है। शनिवार और रविवार को मंदिर बंद रहने के दौरान मंदिर पर तैनात पुलिसकर्मियों के कई बार अपने परिचितों को दर्शन कराने का वीडियो वायरल हो चुका है, पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।रविवार को एक पुरोहित अपने यजमान को दर्शन कराने के लिए लेकर जा रहा था तो पुलिस ने उसकी पिटाई कर दी। पंडा समाज ने आरोप लगाया कि इससे पहले एक जिले के डीएम और सीडीओ दर्शन करके गए हैं। उनको नहीं रोका गया। सवाल उठाया कि क्या अधिकारी नियमों से ऊपर है, नियम सिर्फ आम दर्शनार्थियों के लिए है।
मां विंध्यवासिनी परिसर पर पुलिस और तीर्थ पुरोहित में झड़प होने के बाद मंदिर परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई। मंदिर परिसर में सिर्फ पुलिसकर्मी और तीर्थ पुरोहित हैं। मंदिर परिसर में पंडा समाज कार्यालय से लगातार एनाउंसमेंट किया जा रहा है कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पूजन प्रतिबंधित है।
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