यूपी बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं के छात्र-छात्राओं को प्रमोट करने के लिए जो फार्मूला तय किया है, उससे स्कूलों के प्रधानाचार्य और छात्र-छात्राएं संतुष्ट हैं, लेकिन विद्यार्थियों को लगता है कि परीक्षा देने का मौका मिलता तो वे और बेहतर कर सकते थे। प्रधानाचार्यों के अनुसार निर्धारित फार्मूले में प्री बोर्ड के अंकों का जो प्रतिशत तय किया गया है, उससे प्री बोर्ड में दिए गए मनमाने अंकों का अनावश्यक लाभ नहीं मिलेगा और विद्यार्थी को उसकी वास्तविक मेहनत के आधार पर ही अंक मिलेंगे। हालांकि सभी विद्यार्थियों के लिए एक समान फार्मूला लागू होने से उनकी प्रतिभा का सही मूल्यांकन नहीं हो सकेगा।राजा कमलाकर सिंह इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अनय प्रताप सिंह से कोविड काल में यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों को प्रमोट किए जाने के निर्णय का स्वागत किया है। उनका मानना है कि दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए जो फार्मूला निर्धारित किया गया है, वह बिल्कुल सटीक है। अगर किसी स्कूल ने अपने विद्यार्थियों को प्री बोर्ड में अनावश्यक रूप से बहुत अधिक अंक दिए भी हैं तो उससे बहुत लाभ नहीं होगा।
विद्यार्थी को उसी वास्तविक मेहनत का ही परिणाम मिलेगा। नारायणी आश्रम इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य विभा मिश्रा मानती हैं कि आज के हालात को दउेखते हुए बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय स्पष्ट रूप से विद्यार्थियों और शिक्षकों के स्वास्थ्य के हित में लिया गया है। विद्यार्थियों को आंतरिक व प्री बोर्ड परीक्षा में अंकों के आधार पर उत्तीर्ण करने से उनकी प्रतिभा का सही मूल्यांकन नहीं हो सकेगा, लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता।शिव चरण दास कन्हैया लाल इंटर कॉलेज में 10वीं के छात्र विपिन कुमार यूपी बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय और फार्मूले से संतुष्ट हैं। वहीं, नारायणी आश्रम बालिका इंटर कॉलेज में 10वीं की छात्र रिया मौर्य का कहना है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से परीक्षा निरस्त करने का निर्णय बिल्कुल सही है, लेकिन इसका असर हमारे भविष्य से जुड़ी पहली मार्कशीट पर पड़ेगा। विद्यालय द्वारा आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर हमारा अंकपत्र तो बन जाएगा, लेकिन परीक्षा के लिए हमने जो मेहनत की थी, उसे प्रदर्शित करने के लिए पहला मौक हमें नहीं मिलेगा।शिव चरण दास कन्हैया लाल इंटर कॉलेज में बारहवीं के छात्र प्रतीक प्रजापति का कहना है कि बोर्ड की ओर से तैयार किया गया फार्मूला प्रशंसनीय है। इस फार्मूले से किसी छात्र का अहित नहीं हो सकता। नारायणी आश्रम बालिका इंटर कॉलेज में 12वीं की छात्रा श्रुति यादव का कहना है कि कोरोना काल में परीक्षा को रद्द किए जाने के फैसले का हम स्वागत करते हैं, लेकिन यही अवसर होता है जब हम अपने साल भर की मेहनत का प्रदर्शन करते हैं। उम्मीद करते हैं कि बोर्ड के निर्धारित फार्मूले से हमें उचित परिणाम मिलेगा।
यूपी बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं के छात्र-छात्राओं को प्रमोट करने के लिए जो फार्मूला तय किया है, उससे स्कूलों के प्रधानाचार्य और छात्र-छात्राएं संतुष्ट हैं, लेकिन विद्यार्थियों को लगता है कि परीक्षा देने का मौका मिलता तो वे और बेहतर कर सकते थे। प्रधानाचार्यों के अनुसार निर्धारित फार्मूले में प्री बोर्ड के अंकों का जो प्रतिशत तय किया गया है, उससे प्री बोर्ड में दिए गए मनमाने अंकों का अनावश्यक लाभ नहीं मिलेगा और विद्यार्थी को उसकी वास्तविक मेहनत के आधार पर ही अंक मिलेंगे। हालांकि सभी विद्यार्थियों के लिए एक समान फार्मूला लागू होने से उनकी प्रतिभा का सही मूल्यांकन नहीं हो सकेगा।
राजा कमलाकर सिंह इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अनय प्रताप सिंह से कोविड काल में यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों को प्रमोट किए जाने के निर्णय का स्वागत किया है। उनका मानना है कि दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए जो फार्मूला निर्धारित किया गया है, वह बिल्कुल सटीक है। अगर किसी स्कूल ने अपने विद्यार्थियों को प्री बोर्ड में अनावश्यक रूप से बहुत अधिक अंक दिए भी हैं तो उससे बहुत लाभ नहीं होगा।
विद्यार्थी को उसी वास्तविक मेहनत का ही परिणाम मिलेगा। नारायणी आश्रम इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य विभा मिश्रा मानती हैं कि आज के हालात को दउेखते हुए बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय स्पष्ट रूप से विद्यार्थियों और शिक्षकों के स्वास्थ्य के हित में लिया गया है। विद्यार्थियों को आंतरिक व प्री बोर्ड परीक्षा में अंकों के आधार पर उत्तीर्ण करने से उनकी प्रतिभा का सही मूल्यांकन नहीं हो सकेगा, लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता।शिव चरण दास कन्हैया लाल इंटर कॉलेज में 10वीं के छात्र विपिन कुमार यूपी बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय और फार्मूले से संतुष्ट हैं। वहीं, नारायणी आश्रम बालिका इंटर कॉलेज में 10वीं की छात्र रिया मौर्य का कहना है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से परीक्षा निरस्त करने का निर्णय बिल्कुल सही है, लेकिन इसका असर हमारे भविष्य से जुड़ी पहली मार्कशीट पर पड़ेगा। विद्यालय द्वारा आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर हमारा अंकपत्र तो बन जाएगा, लेकिन परीक्षा के लिए हमने जो मेहनत की थी, उसे प्रदर्शित करने के लिए पहला मौक हमें नहीं मिलेगा।शिव चरण दास कन्हैया लाल इंटर कॉलेज में बारहवीं के छात्र प्रतीक प्रजापति का कहना है कि बोर्ड की ओर से तैयार किया गया फार्मूला प्रशंसनीय है। इस फार्मूले से किसी छात्र का अहित नहीं हो सकता। नारायणी आश्रम बालिका इंटर कॉलेज में 12वीं की छात्रा श्रुति यादव का कहना है कि कोरोना काल में परीक्षा को रद्द किए जाने के फैसले का हम स्वागत करते हैं, लेकिन यही अवसर होता है जब हम अपने साल भर की मेहनत का प्रदर्शन करते हैं। उम्मीद करते हैं कि बोर्ड के निर्धारित फार्मूले से हमें उचित परिणाम मिलेगा।
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