हाइलाइट्स:पारस अस्पताल को क्लीन चिट देने में शासन प्रशासन चौतरफा घिराजांच रिपोर्ट में अस्पताल को क्लीन चिट मिलने से कई सवाल खड़े हुएजिलाधिकारी खुद कटघरे में, सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाएसुनील कुमार, आगरापारस अस्पताल को क्लीन चिट देने में शासन प्रशासन चौतरफा घिरा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह खुद कटघरे में खड़े हैं। सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं। पीड़ित न्यायालय जाने और सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।जिलाधिकारी पर उठे तमाम सवालडॉ. आरिंजय जैन के वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी दो घंटे से ज्यादा समय आरिंजय जैन के केबिन में बिता आए, लेकिन वीडियो की फरेंसिक जांच नहीं कराई। जांच रिपोर्ट में 16 मौतों का जिक्र है, लेकिन जांच रिपोर्ट में पीड़ितों के बयानों की कोई अहमियत नहीं दी गई।वीडियो की फरेंसिक जांच भी नहीं कराईडॉ. अरिंजय जैन ने वीडियो में कहा था कि उसने पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी।
इसके बाद 22 लोगों के शरीर नीले पड गए और वे छटपटाने लगे। इस आवाज को डॉक्टर ने अपनी आवाज नहीं माना है जबकि ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने वाली बात पर जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ महामारी एक्ट का मुकदमा दर्ज करा दिया। डॉक्टर इस बात को भी नकार रहा है कि वीडियो में आवाज उसकी है, इसे सही माना गया है। 96 मरीजों का डेटा क्यों नहीं किया सार्वजनिकवीडियो में 96 मरीजों के भर्ती होने का जिक्र है, लेकिन उन 96 मरीजों का डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया। इसके अलावा 26 और 27 अप्रैल के दरम्यान अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज जो प्रशासन के पास है, उसे भी नहीं सार्वजनिक किया गया है। जांच रिपोर्ट में पीड़ितों के बयान दर्ज नहींजांच कमेटी के पास 16 शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन प्रशासन की जांच रिपोर्ट में पीड़ितों के बयानों को दर्ज नहीं किया गया है। उनकी वॉट्सऐप चैट और सीएम हेल्पलाइन पर मांगी गई मदद और मीडिया में दिए गए बयानों का भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया है।
प्रियंका का तंज, बोलीं-आगरा के अस्पताल को क्लीन चिट देकर योगी सरकार ने कर डाला जांच का ‘मॉक ड्रिल’मरने वालों को बताया दूसरी बीमारियों से ग्रस्तप्रशासन की जांच रिपोर्ट में 16 लोगों की मौत का जिक्र हैं इनमें मरने वालों को दूसरी बीमारियों से ग्रस्त बताया गया है, सवाल यह है कि जब हॉस्पिटल कोविड डेडिकेटेड था तो दूसरी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को क्यों भर्ती किया गया। जबकि परिजन चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे थे कि उनके परिजन को कोविड या पोस्ट कोविड ट्रीटमेंट के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।सवाल यह भी हैं-डॉ. अरिंजय जैन के वीडियो में किए गए कबूलनामे में 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन रोकी तो क्या इसके लिए डॉक्टर ने सीएमओ या जिलाधिकारी से इसकी परमिशन ली थी?-अगर ऑक्सीजन की कमी नहीं थी तो तमाम अस्पतालों ने ऑक्सीजन खत्म हो गई है, इसके नोटिस बोर्ड क्यों लगाए थे।-अगर आगरा मेें ऑक्सीजन की किल्लत नहीं थी तो फिर डीएम प्रभु एन सिंह रात को लोअर टी शर्ट में ऑक्सीजन कैप्सूल रिसीव करने क्यों पहुंचे?-अपने आप को बचाने के चक्कर में 22 लोगों की मौत पर बना दी एकतरफा रिपोर्ट?-मामले की लीपापोती करने के लिए ही क्या चुपचाप बिना मीडिया को जानकारी दिए एसीएस स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद आगरा आए थे?
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