बैंक की भर्ती परीक्षाओं की तैयारी में जुटे युवाओं को लगातार निराशा हाथ लगी है। बैंकों के मर्जर और आउटसोर्सिंग की वजह से पदों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। इस बीच कोरोना संक्रमण ने प्रतियोगियों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। पिछले एक वर्ष में सिर्फ एसबीआई और कोऑपरेटिव बैंक में भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। इंस्टीट्यूट ऑफ पर्सोनल बैंकिंग (आईबीपीएस) की ओर से इस दौरान कोई बड़ी भर्ती नहीं की गई।बैंकों में नौकरी की उम्मीद में बैठे युवाओं की निराशा को इससे ही समझा जा सकता है कि विगत छह वर्षों में भर्ती वाले पदों की संख्या आधी रह गई। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार आईबीपीएस, एसबीआई तथा अन्य माध्यमों से 2015 में करीब 37 हजार पदों पर भर्ती की गई थी। इनमें पीओ के 12 हजार से अधिक पदों पर भर्ती हुई थी। वहीं 2020 में करीब 18 हजार पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। इनमें से ज्यादातर भर्तियों की प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं।
बैंकों में पदों की कटौती का क्रम अभी जारी है। इस निराशा के बीच कोरोना महामारी ने प्रतियोगियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस दौरान एसबीआई और कोऑपरेटिव बैंक में ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। इन बैंकों में करीब 12 हजार पदों पर भर्ती की गई। इनमें नौ हजार से अधिक पदों पर कोऑपरेटिव बैंक में भर्ती हुई है। इसके विपरीत सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों में कोई भर्ती नहीं हुई।बैंकिंग कार्यपद्धति तथा भर्ती प्रक्रिया के जानकार राजीव पांडेय का कहना है कि बैंकों में पदों की संख्या लगातार कम हो रही है। इसकी वजह से मेधावी युवाओं का बैंकिंग के प्रति मोह भी भंग हो रहा है। वे दूसरे विभागों को प्राथमिकता दे रहे हैं। हालांकि, भविष्य में बड़े स्तर पर भर्ती की उम्मीद की जा सकती है। बैंकों में लोग लगातार रिटायर हो रहे हैं। वहीं बैंकों का लगातार विस्तार भी हो रहा है। अब बैंकों में तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ गया है। ऐसे में तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं के लिए अवसर की संभावनाएं दिखाई दे रही हैं।
आईबीपीएस की वार्षिक रिपोर्ट भी कोरोना संक्रमण के दौरान नौकरी के संकट को बयां करती है। आईबीपीएस की ओर से सत्र 2019-20 में भर्ती, प्रमोशन के 609 प्रोजेक्ट पूरे किए गए। वहीं कुल आवेदकों की संख्या 1.47 करोड़ रही। इनमें से 97 लाख अभ्यर्थी विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में शामिल हुए। वहीं 2020-2021 में मात्र 377 प्रोजेक्ट पूरे हुए। विभिन्न भर्तियों के लिए 50 लाख युवाओं ने ही आवेदन किया। इनमें से भी 33 लाख ही भर्ती परीक्षाओं में शामिल हुए। 2021-22 में अभी सिर्फ क्षेत्रीय बैंकों में भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है।
जगी उम्मीद
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में अफसरों और कार्यालय सहायकों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। आईबीपीएस की ओर से 28 जून तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा अगस्त तथा मुख्य परीक्षा सितंबर-अक्तूबर में संभावित है। नवंबर तक भर्ती प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। इसी के साथ अन्य बैंकों के लिए भी भर्ती प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद जगी है।
बैंक की भर्ती परीक्षाओं की तैयारी में जुटे युवाओं को लगातार निराशा हाथ लगी है। बैंकों के मर्जर और आउटसोर्सिंग की वजह से पदों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। इस बीच कोरोना संक्रमण ने प्रतियोगियों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। पिछले एक वर्ष में सिर्फ एसबीआई और कोऑपरेटिव बैंक में भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। इंस्टीट्यूट ऑफ पर्सोनल बैंकिंग (आईबीपीएस) की ओर से इस दौरान कोई बड़ी भर्ती नहीं की गई।
बैंकों में नौकरी की उम्मीद में बैठे युवाओं की निराशा को इससे ही समझा जा सकता है कि विगत छह वर्षों में भर्ती वाले पदों की संख्या आधी रह गई। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार आईबीपीएस, एसबीआई तथा अन्य माध्यमों से 2015 में करीब 37 हजार पदों पर भर्ती की गई थी। इनमें पीओ के 12 हजार से अधिक पदों पर भर्ती हुई थी। वहीं 2020 में करीब 18 हजार पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। इनमें से ज्यादातर भर्तियों की प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं।
बैंकों में पदों की कटौती का क्रम अभी जारी है। इस निराशा के बीच कोरोना महामारी ने प्रतियोगियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस दौरान एसबीआई और कोऑपरेटिव बैंक में ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। इन बैंकों में करीब 12 हजार पदों पर भर्ती की गई। इनमें नौ हजार से अधिक पदों पर कोऑपरेटिव बैंक में भर्ती हुई है। इसके विपरीत सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों में कोई भर्ती नहीं हुई।बैंकिंग कार्यपद्धति तथा भर्ती प्रक्रिया के जानकार राजीव पांडेय का कहना है कि बैंकों में पदों की संख्या लगातार कम हो रही है। इसकी वजह से मेधावी युवाओं का बैंकिंग के प्रति मोह भी भंग हो रहा है। वे दूसरे विभागों को प्राथमिकता दे रहे हैं। हालांकि, भविष्य में बड़े स्तर पर भर्ती की उम्मीद की जा सकती है। बैंकों में लोग लगातार रिटायर हो रहे हैं। वहीं बैंकों का लगातार विस्तार भी हो रहा है। अब बैंकों में तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ गया है। ऐसे में तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं के लिए अवसर की संभावनाएं दिखाई दे रही हैं।
आईबीपीएस की वार्षिक रिपोर्ट भी कोरोना संक्रमण के दौरान नौकरी के संकट को बयां करती है। आईबीपीएस की ओर से सत्र 2019-20 में भर्ती, प्रमोशन के 609 प्रोजेक्ट पूरे किए गए। वहीं कुल आवेदकों की संख्या 1.47 करोड़ रही। इनमें से 97 लाख अभ्यर्थी विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में शामिल हुए। वहीं 2020-2021 में मात्र 377 प्रोजेक्ट पूरे हुए। विभिन्न भर्तियों के लिए 50 लाख युवाओं ने ही आवेदन किया। इनमें से भी 33 लाख ही भर्ती परीक्षाओं में शामिल हुए। 2021-22 में अभी सिर्फ क्षेत्रीय बैंकों में भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में अफसरों और कार्यालय सहायकों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। आईबीपीएस की ओर से 28 जून तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा अगस्त तथा मुख्य परीक्षा सितंबर-अक्तूबर में संभावित है। नवंबर तक भर्ती प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। इसी के साथ अन्य बैंकों के लिए भी भर्ती प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद जगी है।
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