ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी, सोनभद्रसोनभद्र की इकलौती नगर पालिका के दूषित पानी को विगत 37 वर्षों से ग्रामीण इलाको में गिराया जा रहा है। जिसके चलते कई गांव प्रभावित हो रहे हैं। जल जमाव की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने जिले के अधिकारी के साथ मुख्यमंत्री से भी कई बार शिकायत की, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।50 से 60 बीघा जमीन जलभराव से है डूबीजिले की नगर पालिका के दूषित पानी का दंश ग्रामीण इलाकों के किसान 20 वर्षों से झेलने के लिए विवश हैं। नगर पालिका के 25 वार्डों के गंदे पानी का जमाव रॉबर्ट्सगंज के आसपास के गांवों में भी हो रहा है। वहीं, सजौर ग्राम पंचायत में लगभग 50 से 60 बीघा जमीन जलभराव के चलते डूब गई है।
जहां दर्जनों किसान उस जमीन पर खेती नहीं कर पा रहे हैं। वहीं, जल जमाव के चलते हैंडपम्प और कुओं का पानी पूरी तरीके से दूषित हो चुका है। किसानों का कहना है कि उन्होंने नगर पालिका और जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक तक गुहार लगाई, लेकिन पिछले 20 वर्षों से लेकर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।भगवान के दर्शन कर लौट रहा था कपल, तीन युवकों ने बनाया बंधक, कुल्हाड़ी के बल पर किया युवती का बलात्कारअधिशासी अधिकारी से मिला आश्वासनसोनभद्र नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी प्रदीप गिरी ने बताया कि वर्ष 2016- 17 में एक नाले का निर्माण किया जा रहा था, लेकिन यह निर्माण धन की कमी के चलते पूरा नहीं हो पाया। जलभराव की समस्या के समाधान के लिए 30 करोड़ की लागत से एक योजना बनाई गई है, जिसकी मंजूरी भी मिल गई है। जैसे ही शासन से धन का आवंटन हो जाता है, ड्रेनेज सिस्टम बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। अधिशासी अधिकारी ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष तक किसानों की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
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