आईआईटी बीएचयू अब सड़कों की गुणवत्ता सुधार की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगा। इसके लिए यहां सड़क अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित होगी। इसके लिए 11 जून को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में संस्थान के निदेशक प्रो.प्रमोद जैन और ग्रिल (जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ) के अध्यक्ष विनोद कुमार अग्रवाल के बीच ऑनलाइन समझौता हुआ।कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि क्वालिटी को कम किए बगैर सड़कों की गुणवत्ता को सुधारा जाए, साथ ही पर्यावरण संरक्षण को भी मदद मिले यही हमारा प्रमुख लक्ष्य है। सॉलिड वेस्ट मैटैरियल का सड़क निर्माण में उपयोग बेहद महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आईआईटी के शोधकर्ताओं का आह्वान किया कि सड़क और पुलों के निर्माण में स्टील और सीमेंट का उपयोग कम करने के लिए शोध आवश्यक है। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि यह एमओयू सड़क निर्माण की गुणवत्ता बढ़ाने और खर्चों को कम करने के लिए बेहद परिणामकारी होगा। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंकित गुप्ता ने किया। इस अवसर पर संस्थान से प्रो. राजीव प्रकाश, प्रो. एसबी द्विवेदी, आरके पांडेय, मनोज कुमार, एसके निर्मल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने इस उपलब्धि पर बताया कि यह समझौता पांच साल के लिए लागू रहेगा। संस्थान के शिक्षाविद और देश के अन्य एक्सपर्ट राजमार्ग सुरक्षा विकास परियोजना के तहत सड़क सुरक्षा, पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों से संबंधित अध्ययन करेंगे। इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य देश में टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल सड़कों के निर्माण के प्रति रिसर्च रहेगा। इसमें बिटुमिनस (डामरी) मिक्स की रिसाइक्लिंग, भारतीय सड़कों के लिए मैकेनिस्टिक फुटपाथ डिजाइन और सॉलिड वेस्ट मैटेरियल्स से पेवमेंट बनाने पर शोध, बिटुमिनस मिक्स के लिए पर्फामेंस बेस्ड मिक्स डिजाइन का विकास करना प्रमुख लक्ष्य रहेगा। उन्होंने बताया इस प्रोजेक्ट को संस्थान में लाने में सिविल इंजीनियरिंग के अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ निखिल साबू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आईआईटी बीएचयू अब सड़कों की गुणवत्ता सुधार की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगा। इसके लिए यहां सड़क अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित होगी। इसके लिए 11 जून को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में संस्थान के निदेशक प्रो.प्रमोद जैन और ग्रिल (जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ) के अध्यक्ष विनोद कुमार अग्रवाल के बीच ऑनलाइन समझौता हुआ।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि क्वालिटी को कम किए बगैर सड़कों की गुणवत्ता को सुधारा जाए, साथ ही पर्यावरण संरक्षण को भी मदद मिले यही हमारा प्रमुख लक्ष्य है। सॉलिड वेस्ट मैटैरियल का सड़क निर्माण में उपयोग बेहद महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आईआईटी के शोधकर्ताओं का आह्वान किया कि सड़क और पुलों के निर्माण में स्टील और सीमेंट का उपयोग कम करने के लिए शोध आवश्यक है।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि यह एमओयू सड़क निर्माण की गुणवत्ता बढ़ाने और खर्चों को कम करने के लिए बेहद परिणामकारी होगा। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंकित गुप्ता ने किया। इस अवसर पर संस्थान से प्रो. राजीव प्रकाश, प्रो. एसबी द्विवेदी, आरके पांडेय, मनोज कुमार, एसके निर्मल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने इस उपलब्धि पर बताया कि यह समझौता पांच साल के लिए लागू रहेगा। संस्थान के शिक्षाविद और देश के अन्य एक्सपर्ट राजमार्ग सुरक्षा विकास परियोजना के तहत सड़क सुरक्षा, पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों से संबंधित अध्ययन करेंगे। इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य देश में टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल सड़कों के निर्माण के प्रति रिसर्च रहेगा। इसमें बिटुमिनस (डामरी) मिक्स की रिसाइक्लिंग, भारतीय सड़कों के लिए मैकेनिस्टिक फुटपाथ डिजाइन और सॉलिड वेस्ट मैटेरियल्स से पेवमेंट बनाने पर शोध, बिटुमिनस मिक्स के लिए पर्फामेंस बेस्ड मिक्स डिजाइन का विकास करना प्रमुख लक्ष्य रहेगा। उन्होंने बताया इस प्रोजेक्ट को संस्थान में लाने में सिविल इंजीनियरिंग के अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ निखिल साबू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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