सुनील कुमार, आगरा आगरा के पारस अस्पताल में मौत के मॉकड्रिल से मरने वालों के परिजन लगातार सामने आ रहे हैं। इसी के साथ 26 अप्रैल को अस्पताल का भयावह सच निकलकर सामने आ रहा है। सवाल है कि जब अस्पताल में पर्याप्त ऑक्सिजन थी तो फिर ये मॉकड्रिल क्यों किया गया?आगरा पुलिस में तैनात अशोक कुमार की पत्नी मुन्नी देवी पारस अस्पताल में एडमिट थीं। मृतका की बेटी प्रियंका का कहना है कि जब मां को अस्पताल में भर्ती कराया था तो वो ठीक से बात कर रहीं थीं, उनकी मौत उसी मॉकड्रिल के कारण हुई है। छीपीटोला के प्रकाश चंद ने बताया कि उनके पिता डालचंद को पारस हॉस्पिटल की लापरवाही ने मार डाला है। प्रशासनिक अधिकारी कह रहे हैं कि अस्पताल में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में थी। अब सवाल यह है कि अगर ऑक्सिजन थी तो मरीजों को क्यों नहीं दी गई। जीवनीमंडी कृष्णा कालोनी के आशोक चावला के पिता वासुदेव और उनकी भाभी की मौत भी ऑक्सीजन की कमी से हुई है। डॉक्टर अंतिम समय तक ऑक्सीजन की डिमांड करते रहे। अस्पताल के सीसीटीवी थे बंदआगरा पुलिस में तैनात अशोक कुमार की पत्नी मुन्नीदेवी का 26 अप्रैल को ही निधन हुआ था। अशोक कुमार के मुताबिक जब वो सुबह साढ़े 10 बजे अस्पताल के अंदर गए थे तब सीसीटीवी डिस्प्ले बंद थे, जबकि रोजाना वो सीसीटीवी के जरिए ही अपनी एडमिट पत्नी को देखा करते थे।
वहीं मृतक मुन्नी देवी की बेटी का कहना है कि जब वो श्मशान लेकर गए थे, तब वहां अपनी मां का पार्थिव शरीर देखा तो वो नीला पड़ा हुआ था। कुल मिलाकर वीडियो में जिस बात को डॉ. आरिंजय जैन कहता हुआ दिख रहा है, उस बात की तस्दीक मृतक के परिजन कर रहे हैं।स्ट्रेचर पर लिटा कर किया था इलाजप्रियंका का कहना है मेरी माँ का कांग्रेवेटिव विधि से इलाज किया है मौत का कारण सडन कार्डिक अरेस्ट मौत का कारण बताया है। प्रियंका का कहना है कि उसकी मां का इलाज स्ट्रेचर पर किया गया जबकि अस्पताल ने वेंटिलेटर का चार्ज लगाया है।सुबह 10 बजे हुई थी मौतप्रियंका ने कहा, ‘अस्पताल से 26 अप्रैल की सुबह 4 बजे फोन आया था कि अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं है, ऑक्सिजन की व्यवस्था कर लो। हम सुबह मां के लिये ऑक्सीजन लेकर पहुंच गए थे।
सीसीटीवी बंद होने के चलते हम अपनी मां को देख नहीं पा रहे थे। इसके बाद 3 बजे फिर फोन आया कि उनकी मां की मौत हो गयी है। जबकि सुबह 10 बजे ही मां की मौत हो गयी थी।’ प्रियंका ने कहा कि ये बात उन्हें अस्पताल के स्टाफ ने बता दी थी। डेथ बॉडी शाम 3 बजे के बाद दी गयी थी। प्रियंका का सवाल है कि अगर किसी की मौत कार्डिक अरेस्ट से होती है। तो क्या बॉडी नीली पड़ जाती है।भर्ती करने के बाद ही ऑक्सीजन का दबाव बनाते रहेछीपीटोला के रहने वाले प्रकाश चंद एडवोकेट ने बताया कि उनके पिता डालचंद को ऑक्सीजन की जरूरत थी और अस्पताल वाले दबाव बनाते रहे कि ऑक्सीजन के सिलेंडर लेकर आओ। 26 शाम को दो सिलेंडर की व्यवस्था उन्होंने कर दी। इसके बाद भी ऑक्सीजन की मांग की। 27 अप्रैल को सुबह छह मौत की सूचना दे दी। अस्पताल पर लगी सीलबुधवार सुबह स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पारस अस्पताल को सील कर दिया है। एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र भारती का कहना है कि अभी जांच जारी है। मौजूदा स्थिति के चलते पारस अस्पताल को सील कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल में लाइसेंस भी निलंबित है, आगामी कार्रवाई में इसे निरस्त भी किया जा सकता है।
More Stories
Jhansi पुलिस और एसओजी की जबरदस्त कार्रवाई: अपहृत नर्सिंग छात्रा नोएडा से सकुशल बरामद
Mainpuri में युवती की हत्या: करहल उपचुनाव के कारण सियासी घमासान, सपा और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप
Hathras में खेत बेचने के नाम पर लाखों की ठगी, पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा