अभिषेक जायसवाल,वाराणसीपीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर प्रशासन अलर्ट पर है। वाराणसी में शहर से लेकर गांव तक 18 साल तक के बच्चों की कोरोना टेस्ट कराई जा रही है। वाराणसी में 1 जून से शुरू हुए सैम्पलिंग में अब तक 6829 बच्चों की जांच हुई,जिसमे 14 बच्चों में कोरोना की पुष्टि हुई है। वाराणसी के सीएमओ डॉ वी बी सिंह ने बताया कि बच्चों के सैम्पलिंग के लिए तीन वर्ग बनाए गए है। पहले वर्ग में 5 वर्ष, दूसरे वर्ग में 6 से 12 वर्ष और तीसरे वर्ग में 13 से 18 वर्ष के बच्चों की जांच कराई जा रही है। वाराणसी में होने वाले रोजाना कोरोना टेस्ट के लगभग 50 फीसदी सैम्पलिंग बच्चों के लिए कराने जाने पर स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है। सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में बने हैं सेंटरबच्चों के सैम्पलिंग के लिए वाराणसी के सरकारी अस्पतालों के अलावा 8 निजी अस्पतालों को भी केंद्र बनाया गया है।
इन केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग के टीम सैम्पलिंग के लिए भेजी जा रही है, इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में हर रोज स्वास्थ्य विभाग की टीमें रैंडम सैम्पलिंग भी कर रही हैं। जिले में प्रतिदिन 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों के औसतन 800 टेस्ट हो रहे हैं। अस्पताल में दुरुस्त की जा रही व्यवस्थाकोरोना के संभावित तीसरी लहर को बच्चों के लिए खतरनाक बताया जा रहा है। इसको लेकर वाराणसी में अभी से तैयारी की जा रही है। पीडियाट्रिक एनआईसीयू के अलावा पीआईसीयू के बेड बढ़ाने के साथ ही उससे जरूरी उपकरण भी मंगाए जा रहे हैं। वाराणसी में जिला प्रशासन ने इसके लिए बाल रोग से जुड़े डॉक्टरों का पैनल बनाकर उनसे जरूरी राय ली है। BHU अस्पताल में 100 बेड का स्पेशल पीडियाट्रिक वार्ड तैयार है। अन्य सरकारी अस्पतालों में भी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया है।
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