प्रयागराजमोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल में ऑपरेशन के लिए भर्ती मीरजापुर की एक युवती ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था। अस्पताल में भर्ती पीड़िता ने मंगलवार को दम तोड़ दिया। पीड़िता ने अपने भाई को लिखकर बताया है कि ‘डॉक्टर अच्छे नहीं हैं, मेरे साथ गंदा काम किया।’पीड़िता के चचेरे भाई की सूचना पर पिछले हफ्ते मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल की थी। वहीं एसआरएन अस्पताल के डॉक्टरों पर गैंगरेप के आरोपों की जांच के लिए दो कमिटियों का गठन कर दिया गया है। एक जांच कमिटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रफेसर एसपी सिंह की ओर से गठित की गई है। तो दूसरी जांच टीम का गठन सीएमओ प्रयागराज डॉ. प्रभाकर राय ने किया है।मीरजापुर के युवक का वायरल हुआ था वीडियोमीरजापुर के एक युवक ने मंगलवार देर रात सोशल मीडिया पर एक विडियो वायरल कर खलबली मचा दी थी। युवक ने आरोप लगाया कि आंत में समस्या के चलते उसने अपनी चचेरी बहन को 29 मई को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया था। 1 जून की रात डॉक्टर उसका ऑपरेशन करने के लिए उसे ओटी में लेकर गए।युवती के पत्र लिखते हुए बनाया वीडियोऑपरेशन के बाद लौटी युवती अचेत लग रही थी। वह कुछ कहना भी चाह रही थी। युवती को जब पेन और कागज दिया गया तो उसने लिखा कि डॉक्टर अच्छे नहीं हैं।
सब मिले हैं, कोई इलाज नहीं किया है। उसके साथ गंदा काम किया है। युवती के लिखते हुए भी उसके चचेरे भाई ने विडियो बनाया और उसको भी वायरल कर दिया।घरवालों ने नहीं लगाया कोई आरोपविडियो वायरल होने के बाद सीओ कोतवाली सत्येन्द्र तिवारी भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने पीड़ित युवती की मां और अन्य रिश्तेदारों से भी पूछताछ की थी। लेकिन पुलिस के मुताबिक घरवालों ने ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया। युवती के होश में आने पर जांच की बात कहकर पुलिस लौट आई। और अब युवती ने दम तोड़ दिया।इन डॉक्टरों ने किया मेडिकलमेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की संस्तुति पर सीएमओ ने जिला महिला अस्पताल डफरिन में युवती का मेडिकल भी कराया गया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्य डॉक्टरों की टीम गठित की है। इस जांच टीम में डॉ. वत्सला मिश्रा, डॉ. अजय कुमार, डॉ. अरविंद गुप्ता, डॉ. अमृता चौरसिया और डॉ. अर्चना कौल को शामिल किया गया है।रिपोर्ट में नकारी गई गैंगरेप की बातडॉक्टरों के मुताबिक युवती की आंत पूरी तरह से फट गई थी। 1 जून की रात 11 बजे तक उसका ऑपरेशन किया गया। इसके बाद उसे वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इस दौरान उसके घरवाले भी मौजूद थे जबकि एक दिन पहले ही युवती को ब्लड भी चढ़ाया गया था। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के मुताबिक ऑपरेशन के समय ओटी में 4 महिला सर्जन एक महिला नर्स और दो पुरुष डॉक्टर थे। प्रिंसिपल की गठित की गई टीम ने जो रिपोर्ट दी उसमें युवती के साथ गैंगरेप का पुष्टि नहीं होने की बात कही गई।
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