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प्रयागराज : मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर 17 लाख की ठगी, एक युवती समेत पांच नामजद

मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एडमीशन के नाम पर जालसाजों के गैंग ने 17 लाख रुपये ठग लिए। इस मामले में एक युवती समेत पांच लोगों को नामजद किया गया है। पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। परिवार वालों का आरोप है कि जालसाजी के इस गिरोह के तार मेडिकल कॉलेज से भी जुड़े हैं। प्रतापगढ़ के आसपुर देसवरा के रहने वाले सुरेंद्र यादव मुंबई में कोरोना रेमेडीज प्राइवेट लिमिटेड में काम करते हैं। उनकी बेटी पूजा एलनगंज में रहने वाले मौसा डॉ. विकास यादव के घर में रहकर दो वर्षों से मेडिकल की कोचिंग कर रही है। 2020 प्रवेश परीक्षा में पूजा का चयन नहीं हुआ था।
उसी दौरान उसके मोबाइल पर तानी नाम की लड़की का फोन आया। उसने बताया कि वह कुछ ऐसे लोगों को जानती है जो मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिला देते हैं। पूजा ने अपने पिता से बात की। वह मुंबई से यहां आ गए। इसके बाद तानी ने दोनों को नोएडा बुलाया जहां सचिन सिंह उनकी मुलाकात हुई। उसने 35 लाख रुपये में प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में एडमीशन दिलाने की बात कही। वार्ता के बात 21 लाख में मामला सेटल हो गया। सुरेंद्र ने 25 हजार नकद और 75 हजार किसी पंकज कुमार के खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद दिसंबर में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज बुलाया गया। सुरेंद्र अपनी बेटी पूजा और साढ़ू डॉ. विकास यादव के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
सचिन सिंह ने एक व्यक्ति से मुलाकात कराई और परिचय दिया कि ये मेडिकल कालेज में प्रोफेसर हैं। इसके बाद कॉलेज में कई बार बात के बाद बताया गया कि उन्हें 15 जनवरी से पहले एलाटमेंट लेटर मिल जाएगा। शाम को बिग बाजार के पास डॉ. विकास यादव की क्लीनिक में सचिन सिंह को 11 लाख रुपये दिए गए। 15 जनवरी तक जब एलाटमेंट लेटर नहीं मिला तो सचिन से फिर संपर्क किया गया। उसने कहा कि लेटर उसके पास है। पहले बाकी पैसे दो। साढ़े चार लाख फिर पंकज के खाते में हस्तांतरित कर दिए गए। कुल 17 लाख रुपये लेने के बाद सचिन समेत सभी ने मोबाइल बंद कर दिए। छह जून को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।मेडिकल कॉलेज के डिपार्टमेंट में हुई थी डीलिंगछात्रा के पिता सुरेंद्र यादव का आरोप है कि वे दिसंबर में मेडिकल कॉलेज कैंपस गए थे। वहां जालसाज सचिन सिंह ने एक व्यक्ति को प्रोफेसर कहकर मिलवाया। वह उन्हें पल्मोनरी विभाग ले गया। विभाग के अंदर बैठकर पूरी बात हुई। इस कारण उन्हें जालसाजों की बात पर पूरी तरह से यकीन हो गया था। आशंका जताई कि जालसाजों के गिरोह से मेडिकल कॉलेज के कुछ लोगों के तार जुड़े हुए हैं।आरोपी में एक चिकित्सक भीकोतवाली थाने में सुरेंद्र यादव की तहरीर पर तानी, सचिन सिंह, पंकज, आदर्श सिंह और डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह को आरोपी बनाया गया है। उनके खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत समेत तीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रभारी इंस्पेक्टर कोतवाली ने बताया कि जांच शुरू कर दी है। जो भी जांच के दायरे में आएगा, सबसे पूछताछ की जाएगी।

मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एडमीशन के नाम पर जालसाजों के गैंग ने 17 लाख रुपये ठग लिए। इस मामले में एक युवती समेत पांच लोगों को नामजद किया गया है। पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। परिवार वालों का आरोप है कि जालसाजी के इस गिरोह के तार मेडिकल कॉलेज से भी जुड़े हैं। प्रतापगढ़ के आसपुर देसवरा के रहने वाले सुरेंद्र यादव मुंबई में कोरोना रेमेडीज प्राइवेट लिमिटेड में काम करते हैं। उनकी बेटी पूजा एलनगंज में रहने वाले मौसा डॉ. विकास यादव के घर में रहकर दो वर्षों से मेडिकल की कोचिंग कर रही है। 2020 प्रवेश परीक्षा में पूजा का चयन नहीं हुआ था।

उसी दौरान उसके मोबाइल पर तानी नाम की लड़की का फोन आया। उसने बताया कि वह कुछ ऐसे लोगों को जानती है जो मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिला देते हैं। पूजा ने अपने पिता से बात की। वह मुंबई से यहां आ गए। इसके बाद तानी ने दोनों को नोएडा बुलाया जहां सचिन सिंह उनकी मुलाकात हुई। उसने 35 लाख रुपये में प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में एडमीशन दिलाने की बात कही। वार्ता के बात 21 लाख में मामला सेटल हो गया। सुरेंद्र ने 25 हजार नकद और 75 हजार किसी पंकज कुमार के खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद दिसंबर में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज बुलाया गया। सुरेंद्र अपनी बेटी पूजा और साढ़ू डॉ. विकास यादव के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंचे।

सचिन सिंह ने एक व्यक्ति से मुलाकात कराई और परिचय दिया कि ये मेडिकल कालेज में प्रोफेसर हैं। इसके बाद कॉलेज में कई बार बात के बाद बताया गया कि उन्हें 15 जनवरी से पहले एलाटमेंट लेटर मिल जाएगा। शाम को बिग बाजार के पास डॉ. विकास यादव की क्लीनिक में सचिन सिंह को 11 लाख रुपये दिए गए। 15 जनवरी तक जब एलाटमेंट लेटर नहीं मिला तो सचिन से फिर संपर्क किया गया। उसने कहा कि लेटर उसके पास है। पहले बाकी पैसे दो। साढ़े चार लाख फिर पंकज के खाते में हस्तांतरित कर दिए गए। कुल 17 लाख रुपये लेने के बाद सचिन समेत सभी ने मोबाइल बंद कर दिए। छह जून को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।मेडिकल कॉलेज के डिपार्टमेंट में हुई थी डीलिंगछात्रा के पिता सुरेंद्र यादव का आरोप है कि वे दिसंबर में मेडिकल कॉलेज कैंपस गए थे। वहां जालसाज सचिन सिंह ने एक व्यक्ति को प्रोफेसर कहकर मिलवाया। वह उन्हें पल्मोनरी विभाग ले गया। विभाग के अंदर बैठकर पूरी बात हुई। इस कारण उन्हें जालसाजों की बात पर पूरी तरह से यकीन हो गया था। आशंका जताई कि जालसाजों के गिरोह से मेडिकल कॉलेज के कुछ लोगों के तार जुड़े हुए हैं।आरोपी में एक चिकित्सक भीकोतवाली थाने में सुरेंद्र यादव की तहरीर पर तानी, सचिन सिंह, पंकज, आदर्श सिंह और डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह को आरोपी बनाया गया है। उनके खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत समेत तीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रभारी इंस्पेक्टर कोतवाली ने बताया कि जांच शुरू कर दी है। जो भी जांच के दायरे में आएगा, सबसे पूछताछ की जाएगी।