सरकार और संगठन में फेरबदल की चर्चाओं के बीच उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सपा में जाने की फर्जी खबर वायरल होने से राजनीतिक गलिहारे में हलचल है तो राजनीतिक पंडित भी हतप्रभ हैं। ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं में तो नाराजगी है ही, यह सवाल भी उठने लगा है कि आखिर इस तरह की खबर कौन उड़ा रहा है? क्या इस तरह की खबरें महज संयोग से उड़ रही हैं या फिर इसके पीछे पार्टी के भीतर या बाहर के लोगों के कोई विशेष इरादे हैं।
केशव प्रसाद मौर्य विश्व हिंदू परिषद के नेता स्व.अशोक सिंहल के करीबी होने के साथ भाजपा की हिंदुत्व की राजनीति के हिस्सा रहे हैं। केशव भी अपने प्रखर हिंदुत्व वाली छवि से परहेज नहीं करते। इसके अलावा भाजपा में उन्हें पिछड़ी जाति के चेहरे के रूप में भी आगे किया जाता रहा है। भाजपा और सरकार में जल्द ही फेरबदल की बात कही जा रही है और इस बदलाव में उप केशव प्रसाद की भूमिका को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। उनके भाजपा में और मजबूत होकर सामने आने की भी चर्चा है।
इन चर्चाओं और अटकलों के बीच केशव प्रसाद के सपा में जाने की फर्जी खबर ने राजनीतिक जानकारों को भी स्तब्ध कर दिया है। जानकारों का कहना है कि सपा पिछड़ों की राजनीति करती है, लेकिन केशव प्रसाद के साथ हिंदुत्व का चेहरा भी होगा। इसके अलावा, पिछड़ों की राजनीति में भी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आगे केशव को सपा में कैसे अहमियत मिलेगी। इसका भी किसी के पास कोई जवाब नहीं है। इन सियासी समीकरणों का हवाला देते हुए जानकार इस चर्चा को सियासी चक्रव्यूह के नजरिए से देख रहे हैं। साथ ही यह भी बहस छिड़ गई है कि आखिर इस फर्जी खबर के पीछे और कौन है और किसे लाभ मिलता दिख रहा है?
सोशल मीडिया में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को लेकर वायरल खबर का भाजपा नेताओं ने भी पूरजोर खंडन किया है। नाराज भाजपाइयों का कहना है कि फर्जी न्यूज बनाकर डिप्टी सीएम की छवि को ठेस पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ शरारती तत्वों के द्वारा फेक न्यूज बनाकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सपा में शामिल होने की झूठी खबरें लगातार प्रसारित की जा रही हैं। यह सरासर गलत है।
पार्टी के कार्यकर्ता किसी भी कीमत पर इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। राजेश का कहना है कि केशव प्रसाद मौर्य हिंदुत्व एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रति समर्पित हैं। ऐसे में कहीं ना कहीं विपक्ष उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर प्रयागराज के एसएसपी से मांग की गई है कि ऐसी फेक न्यूज सोशल मीडिया पर चलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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