देश के पहले एसी इकोनॉमी क्लास के कोच उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर ) प्रयागराज जोन की ट्रेनों में लगाए जाएंगे। इन कोचों का इस्तेमाल ऐसी ट्रेनों में होगा, जिसमें प्रतीक्षा सूची ज्यादा रहती है। क्योंकि इन कोच में 72 की बजाय 83 बर्थ रहेगी। कपूरथला कोच फैक्टरी में तैयार इन कोचों का रेल संरक्षा आयुक्त ने ट्रायल भी कर लिया है। ऐसे दस कोच एनसीआर प्रशासन को मिलने जा रहे हैं। इसमें से सात कोच इसी सप्ताह मिल जाएंगे। एनसीआर की महत्वपूर्ण ट्रेनों में इन बोगियों के इस्तेमाल से वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को कंफर्म बर्थ मिलेगी। दरअसल देश मे अभी लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) तकनीक की बोगियां ही प्रयागराज एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस आदि वीआईपी ट्रेनों में लगी हुई हैं। एसी थर्ड में जहां 72 बर्थ रहती हैं तो वहीं नीले रंग के आईसीएफ कोच के थर्ड एसी में 64 बर्थ ही रहती है। इसी को देखते हुए अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन (आरडीएसओ) ने एलएचबी की 83 सीटों वाली बोगी को डिजाइन किया। इसके बाद रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला ने केवल तीन महीने में ही इसका प्रोटोटाइप तैयार किया था। इन कोचों का अधिकतम 180 किमी प्रतिघंटा की गति से ट्रायल भी किया गया। रेल संरक्षा आयुक्त ने भी इसके मानकों को परखा। उनकी ओके के बाद पंजाब स्थित कपूरथला कोच फैक्ट्री ने इसका निर्माण शुरू किया। पहले चरण में इस तरह के तकरीबन 250 कोच तैयार होने हैं। इसमें से 15 तैयार हो गए हैं। उन 15 में से सात कोच एनसीआर को भेजे गए हैं। एसी इकोनॉमी क्लास कोच की खास बातें
दोनों तरफ की सीटों पर फोल्डिंग टेबल की व्यवस्था।
मोबाइल फोन और मैगजीन होल्डर भी कराए गए हैं उपलब्ध।
हर बर्थ में पढ़ने वाली लाइट और मोबाइल चार्जिंग के बनाए गए हैं प्वाइंट।
मिडिल और अपर बर्थ पर चढ़ने के लिए सीढ़ी का बदला गया डिजाइन।
मौजूदा थर्ड एसी की 72 सीटों की तुलना में इन डिब्बों में 83 सीटें हैं।
एक कोच की कीमत 2.75 करोड़, पहले आती थी 2.85 करोड़ रुपये।
देश के पहले एसी इकोनॉमी क्लास के कोच उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर ) प्रयागराज जोन की ट्रेनों में लगाए जाएंगे। इन कोचों का इस्तेमाल ऐसी ट्रेनों में होगा, जिसमें प्रतीक्षा सूची ज्यादा रहती है। क्योंकि इन कोच में 72 की बजाय 83 बर्थ रहेगी। कपूरथला कोच फैक्टरी में तैयार इन कोचों का रेल संरक्षा आयुक्त ने ट्रायल भी कर लिया है। ऐसे दस कोच एनसीआर प्रशासन को मिलने जा रहे हैं। इसमें से सात कोच इसी सप्ताह मिल जाएंगे।
एनसीआर की महत्वपूर्ण ट्रेनों में इन बोगियों के इस्तेमाल से वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को कंफर्म बर्थ मिलेगी। दरअसल देश मे अभी लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) तकनीक की बोगियां ही प्रयागराज एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस आदि वीआईपी ट्रेनों में लगी हुई हैं। एसी थर्ड में जहां 72 बर्थ रहती हैं तो वहीं नीले रंग के आईसीएफ कोच के थर्ड एसी में 64 बर्थ ही रहती है। इसी को देखते हुए अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन (आरडीएसओ) ने एलएचबी की 83 सीटों वाली बोगी को डिजाइन किया।
इसके बाद रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला ने केवल तीन महीने में ही इसका प्रोटोटाइप तैयार किया था। इन कोचों का अधिकतम 180 किमी प्रतिघंटा की गति से ट्रायल भी किया गया। रेल संरक्षा आयुक्त ने भी इसके मानकों को परखा। उनकी ओके के बाद पंजाब स्थित कपूरथला कोच फैक्ट्री ने इसका निर्माण शुरू किया। पहले चरण में इस तरह के तकरीबन 250 कोच तैयार होने हैं। इसमें से 15 तैयार हो गए हैं। उन 15 में से सात कोच एनसीआर को भेजे गए हैं।
एसी इकोनॉमी क्लास कोच की खास बातें
दोनों तरफ की सीटों पर फोल्डिंग टेबल की व्यवस्था।
मोबाइल फोन और मैगजीन होल्डर भी कराए गए हैं उपलब्ध।
हर बर्थ में पढ़ने वाली लाइट और मोबाइल चार्जिंग के बनाए गए हैं प्वाइंट।
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