कोविड टीकाकरण शिविर में एक नया और सनसनीखेज मामला सामने आया है। दरअसल इस शिविर में जिन लोगों को टीके लगाए गए हैं उसमें टीका लगाने वाली कर्मचारी का नाम निहा खान के तौर पर दर्ज है। यह वहीं निहा खान है जो अलीगढ़ में लोगों को कोविड टीके के नाम पर खाली सुईं चुभोती थीं और भरी हुई वैक्सीन कूड़ेदान में डाल देती थीं। स्वास्थ्य विभाग ने निहा खान की सेवाएं समाप्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। सोसाइटी के लोगों ने सवाल उठाए हैं कि अगर विवादित निहा खान के नाम से जेपी ग्रींस सोसायटी में टीका लगाया गया तो क्या हकीकत में लगाया गया टीका कोविड का ही था या सिर्फ अलीगढ़ की तरह लोगों को सुईं ही चुभोई गयी थी।
कोरोना टीकाकरण शिविर को शासन की ओर से हुई जांच में पूरी तरह फर्जी पाया गया। उसके बाद तमाम तरीकों की अनियमितताओं के लिए आयोजकों पर एफआईआर भी दर्ज करा दी गई। लेकिन मामला यहीं नहीं सुलझा। अभी इस पूरे मामले में बहुत पेच है। जिसकी जांच नोएडा के बीटा थाना पुलिस को करनी है। डॉट कॉम को मिली जानकारी के मुताबिक जो टीका जेपी ग्रींस सोसाइटी में लगाया गया उसके प्रमाण पत्र पर टीका लगाने वाले कर्मचारी का नाम निहा खान अंकित है और टीका अलीगढ़ के नौरंगाबाद स्वास्थ्य केंद्र के नाम पर दर्ज है।निहा खान अलीगढ़ में टीकाकरण के दौरान से ही विवादों में है। एएनएम निहा खान अलीगढ़ के लोगों को टीका न लगाकर महज दिखावे के लिए सुई चुभोती थीं और भरी हुई वायल कूड़ेदान में डाल देती थीं। उसके बाद कोविन पोर्टल पर सुई लगाने वालों का नाम डाल कर प्रमाणपत्र दे दिया जाता था। अलीगढ़ के जमालपुर पीएचसी में पिछले महीने कोरोना वैक्सीन कूड़ेदान में डालने के मामले में मुख्य आरोपी एएनएम निहा खान की संविदा समाप्त कर दी गई है। उसके खिलाफ सिविल लाइन थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
सूत्रों के मुताबिक जेपी ग्रीन्स सोसायटी में अवैध टीकाकरण को आयोजित कराने और वैक्सीन को अलीगढ़ से स्थानांतरित कराने में अलीगढ़ के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक महिला अधिकारी का भी नाम सामने आ रहा है। बताया जा रहा है यह महिला अधिकारी आयोजक की रिश्तेदार भी हैं और अलीगढ़ के स्वास्थ्य महकमे में एक जिम्मेदार पद पर भी हैं। नोएडा पुलिस के सूत्रों के मुताबिक उनकी जांच में इन सारे बिंदुओं को रखा जा रहा है। उनका कहना है जल्द से जल्द आरोपी गिरफ्तार होंगे और इस पूरे मामले में शामिल सभी लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी। जो दोषी होंगे उन्हें जेल भेजा जाएगा।नोएडा के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि उनकी ओर से की गई कार्यवाही की पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। जिला अधिकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद को नोएडा में हुई कार्रवाई से अवगत भी करा दिया गया है। मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। देश में चल रहे इस महत्वपूर्ण टीका अभियान में किसी भी तरीके की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जो दोषी होंगे उनको जेल जाना ही होगा।
कोविड टीकाकरण शिविर में एक नया और सनसनीखेज मामला सामने आया है। दरअसल इस शिविर में जिन लोगों को टीके लगाए गए हैं उसमें टीका लगाने वाली कर्मचारी का नाम निहा खान के तौर पर दर्ज है। यह वहीं निहा खान है जो अलीगढ़ में लोगों को कोविड टीके के नाम पर खाली सुईं चुभोती थीं और भरी हुई वैक्सीन कूड़ेदान में डाल देती थीं। स्वास्थ्य विभाग ने निहा खान की सेवाएं समाप्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। सोसाइटी के लोगों ने सवाल उठाए हैं कि अगर विवादित निहा खान के नाम से जेपी ग्रींस सोसायटी में टीका लगाया गया तो क्या हकीकत में लगाया गया टीका कोविड का ही था या सिर्फ अलीगढ़ की तरह लोगों को सुईं ही चुभोई गयी थी।
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