गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में लगाए गए दो जोड़ी कैमरे, हाथियों के जरिए की जा रही पेट्रोलिंग
बांकेगंज। भादीताल गैंडा पुनर्वास योजना फेज टू में दो शावकों के जन्म से जहां दुधवा नेशनल पार्क प्रशासन बेहद खुश है, वहीं शावकों की सुरक्षा के लिए गहन निगरानी की जा रही है। शावकों पर हर समय नजर रखने के लिए पुनर्वासन क्षेत्र में दो जोड़ी कैमरे लगवाए गए हैं। साथ ही चार हाथियों के जरिए वन कर्मचारी शिशुओं पर नजर रखे हुए हैं।यहां बता दें कि बीते दिनों गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू की दो मादा गैंडा कल्पना और रोहिणी ने हाल ही में महज कुछ दिनों के अंतराल में एक-एक शिशु को जन्म दिया है। इन शिशुओं को बाघ आदि अन्य हिंसक वन्यजीवों के हमले से बचाने के साथ ही उनकी निगरानी के लिए गैंडा क्षेत्र में दो जोड़ी कैमरे लगाए गए हैं। इनकी तस्वीरें रोज देखी जा रही हैं। इसके अलावा चार हाथी भी पेट्रोलिंग पर लगाए गए हैं। प्रशिक्षित वन कर्मी दुधवा के पालतू हाथियों पर सवार होकर इन गैंडा शिशुओं पर नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा समय-समय पर ड्रोन कैमरों के जरिए भी गैंडा शिशुओं की निगरानी की जा रही है।इससे पहले गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में हिमांगनी नामक मादा गैंडे ने मार्च में एक शिशु को जन्म दिया था। दुर्भाग्यवश इस शिशु की दलदल में फंसकर मौत हो गई थी। इसको लेकर चौकन्ना हुआ पार्क प्रशासन अब ऐसी चूक दोबारा नहीं होने देना चाहता।
गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में लगाए गए दो जोड़ी कैमरे, हाथियों के जरिए की जा रही पेट्रोलिंग
बांकेगंज। भादीताल गैंडा पुनर्वास योजना फेज टू में दो शावकों के जन्म से जहां दुधवा नेशनल पार्क प्रशासन बेहद खुश है, वहीं शावकों की सुरक्षा के लिए गहन निगरानी की जा रही है। शावकों पर हर समय नजर रखने के लिए पुनर्वासन क्षेत्र में दो जोड़ी कैमरे लगवाए गए हैं। साथ ही चार हाथियों के जरिए वन कर्मचारी शिशुओं पर नजर रखे हुए हैं।
यहां बता दें कि बीते दिनों गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू की दो मादा गैंडा कल्पना और रोहिणी ने हाल ही में महज कुछ दिनों के अंतराल में एक-एक शिशु को जन्म दिया है। इन शिशुओं को बाघ आदि अन्य हिंसक वन्यजीवों के हमले से बचाने के साथ ही उनकी निगरानी के लिए गैंडा क्षेत्र में दो जोड़ी कैमरे लगाए गए हैं। इनकी तस्वीरें रोज देखी जा रही हैं। इसके अलावा चार हाथी भी पेट्रोलिंग पर लगाए गए हैं। प्रशिक्षित वन कर्मी दुधवा के पालतू हाथियों पर सवार होकर इन गैंडा शिशुओं पर नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा समय-समय पर ड्रोन कैमरों के जरिए भी गैंडा शिशुओं की निगरानी की जा रही है।
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