कोविड संक्रमण को लेकर बदली परिस्थितियों के बीच केंद्रीय एवं राज्य कर्मचारियों को जुलाई से भी महंगाई भत्ता (डीए) नहीं मिलने की आशंका सताने लगी है। वित्त मंत्रालय के अफसरों और कर्मचारी नेताओं की आठ मई को प्रस्तावित बैठक नहीं होने की वजह से उनकी आशंका को और बल मिल रहा है। ऐसे में उन्होंने आंदोलन की भी चेतावनी दी है।केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों का एक जनवरी 2020 से ही डीए फ्रीज है। इस तरह से उन्हें डीए में तीन बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिला। इस दौरान 17 से बढक़र 28 फीसदी डीए हो गया है। जुलाई में भी चार या पांच प्रतिशत बढ़ोतरी की बात कही जा रही है। ऐसे में जुलाई से 32 या 33 डीए संभावित है। सरकार की ओर से जुलाई से बढ़े डीए का लाभ दिए जाने का संकेत दिया गया है लेकिन अफसरों की बैठक नहीं होने की वजह से कर्मचारियों में आशंका है। इसके अलावा उनमें यह आशंका भी है कि दूसरी लहर के बाद सरकार को कई स्तर पर आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में डीए आगे भी फ्रीज किया जा सकता है। कंफेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमंट इंप्लाइज एंड वर्कर्स के अध्यक्ष सुभाष पांडेय का कहना है कि मई के आखिरी सप्ताह में भी बैठक प्रस्तावित थी लेकिन नहीं हो पाई। इससे कर्मचारियों में निराशा है। उनका कहना है कि बढ़ा डीए दिए जाने की घोषणा नहीं की गई तो कर्मचारी और पेंशनर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के मंडल अध्यक्ष अश्वनी कुमार श्रीवास्तव ने भी आगे भी डीए फ्रीज किए जाने की आशंका जताई। उनका कहना है कि बढ़ा डीए दिए जाने की घोषणा नहीं की गई तो विरोध की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
अटेवा की एरियर सहित डीए बहाली की मांग
अटेवा पेंशन बचाओ की शनिवार को हुई ऑनलाइन बैठक में बढ़ा डीए दिए जाने की मांग की गई। शिक्षकों और कर्मचारियों ने डीए का एरियर दिए जाने की भी मांग की। उनका कहना था कि कोराना काल में शिक्षकों और कर्मचारियों ने पूरी ईमानदारी से ड्यूटी की। कई शिक्षकों और कर्मचारियों ने जान भी गंवा दी। इसके बावजूद डीए नहीं दिया जाना उन्हें हतोत्साहित करने वाला निर्णय लिया है। उन्होंने तत्काल डीए बहाल करने की मांग की। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ.हरिप्रकाश यादव, जिला संयोजक अशोक कनौजिया, कमल सिंह, उपेंद्र वर्मा आदि मौजूद रहे।
कोविड संक्रमण को लेकर बदली परिस्थितियों के बीच केंद्रीय एवं राज्य कर्मचारियों को जुलाई से भी महंगाई भत्ता (डीए) नहीं मिलने की आशंका सताने लगी है। वित्त मंत्रालय के अफसरों और कर्मचारी नेताओं की आठ मई को प्रस्तावित बैठक नहीं होने की वजह से उनकी आशंका को और बल मिल रहा है। ऐसे में उन्होंने आंदोलन की भी चेतावनी दी है।
केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों का एक जनवरी 2020 से ही डीए फ्रीज है। इस तरह से उन्हें डीए में तीन बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिला। इस दौरान 17 से बढक़र 28 फीसदी डीए हो गया है। जुलाई में भी चार या पांच प्रतिशत बढ़ोतरी की बात कही जा रही है। ऐसे में जुलाई से 32 या 33 डीए संभावित है। सरकार की ओर से जुलाई से बढ़े डीए का लाभ दिए जाने का संकेत दिया गया है लेकिन अफसरों की बैठक नहीं होने की वजह से कर्मचारियों में आशंका है। इसके अलावा उनमें यह आशंका भी है कि दूसरी लहर के बाद सरकार को कई स्तर पर आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
अटेवा पेंशन बचाओ की शनिवार को हुई ऑनलाइन बैठक में बढ़ा डीए दिए जाने की मांग की गई। शिक्षकों और कर्मचारियों ने डीए का एरियर दिए जाने की भी मांग की। उनका कहना था कि कोराना काल में शिक्षकों और कर्मचारियों ने पूरी ईमानदारी से ड्यूटी की। कई शिक्षकों और कर्मचारियों ने जान भी गंवा दी। इसके बावजूद डीए नहीं दिया जाना उन्हें हतोत्साहित करने वाला निर्णय लिया है। उन्होंने तत्काल डीए बहाल करने की मांग की। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ.हरिप्रकाश यादव, जिला संयोजक अशोक कनौजिया, कमल सिंह, उपेंद्र वर्मा आदि मौजूद रहे।
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