सैयद मशकूर, सहारनपुरज़िला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर सहारनपुर में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। सत्ताधारी बीजेपी ने इस बढ़िया प्रदर्शन करते हुए ज़िला पंचायत की करीब 14 सीटों पर जीत हासिल की है लेकिन अध्यक्ष पद पाने के बीजेपी को अभी 11 और सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता है। चन्द्रशेखर की आसपा के कारण इस बार बसपा पिछले बार की तुलना में कम सीटे जीत पायी है। बसपा के 16 सदस्य है। ऐसे में सपा-कांग्रेस और भाकियू ने तीसरा मोर्चा बना कर बीजेपी व बसपा की टेंशन बढ़ा दी है। कहा जा रहा है कि बीजेपी का जिला पंचायत चेयरमैन बनने से रोकने के लिए सपा और कांग्रेस के नेता एक हो गए हैं। उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए ताल ठोकते हुए दावा किया कि उनके पास पर्याप्त संख्या है। वहीं बसपा भी जिला पंचायत चेयरमैन पद पाने का प्रयास कर रही है। बीजेपी में भी अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाने को लेकर मंथन चल रहा है।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद हासिल करने के लिए विपक्षी दलों की सरगर्मियां बढ़ गई है। कांग्रेस, सपा और भारतीय किसान यूनियन ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज करने के लिए तीसरे मोर्चे के गठन किया है। इस संबंध में बैठक कर उन्होंने नवनिर्वाचित 16 जिला पंचायत सदस्यों के भी शामिल होने का दावा किया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद ने कहा कि हमने बीजेपी जैसी सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए तीसरा मोर्चा बनाया है। सपा जिलाध्यक्ष चौधरी रुद्रसेन का कहना है कि कई सदस्य हमारे संपर्क में हैं। हम जीत का आंकड़ा हासिल कर लेंगे। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार का कहना था कि जनहित और आपसी सौहार्द के लिए तीसरा मोर्चा बनाया गया है।बीजेपी के है 14 सदस्यइस बार चुनाव में बीजेपी के 14 सदस्य जीते हैं। पिछले बार के चुनावों की तुलना में यह पार्टी की बड़ी सफलता है। जिला पंचायत अध्यक्ष के पद के लिए 11 सदस्य कम हैं। बीजेपी जिलाध्यक्ष डॉ. महेंद्र सैनी ने बताया कि वार्ड नंबर एक से चुने गए पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष बिजेंद्र कश्यप, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं और वार्ड 35 से चुनी गई पूर्व विधायक मनोज चौधरी की पत्नी गायत्री चौधरी, वार्ड 43 से चुने गए मुकेश चौधरी गुर्जर और 37 से चुने गए चौधरी मांगेराम की दावेदारी है।
पार्टी आलाकमान सभी परिस्थितियों का आंकलन कर उम्मीदवार तय करेगी। ये है बसपा की स्थितिबहुजन समाज पार्टी के पिछले चुनाव की तुलना में इस बार पांच सदस्य कम जीते हैं। बसपा के 16 ज़िला पंचायत सदस्य हैं। अपना अध्यक्ष बनवाने के लिए बसपा को नौ सदस्यों की आवश्यकता है। बसपा में वार्ड 32 से चुने गए सदस्य माजिद अली और वार्ड 19 से चुनी गई शिमला देवी गुर्जर का दावा मजबूत है। शिमला देवी देवबंद विधानसभा क्षेत्र से बसपा के प्रभारी नवीन खटाना की माता हैं। माजिद अली की पत्नी तसमीम बेगम पिछली बार जिला पंचायत की अध्यक्ष थीं।ये है विपक्षी दलों के सदस्यों की स्थितिकांग्रेस नेता इमरान मसूद के पास आठ सदस्य है। समाजवादी पार्टी के पांच सदस्य चुने गए है। भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी की दो महिला सदस्य चुनी गई हैं। इस पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी विनोद तेजयान एडवोकेट के मुताबिक विपक्षी दलों की कोशिश बीजेपी को रोकने की रहेगी। ज़िला पंचायत के लिए चुने गए 49 सदस्यों में 19 महिलाएं, 15 मुस्लिम और 13 दलित सदस्य हैं। तीन निर्दलीय चुने गए हैं और भारतीय किसान यूनियन के प्रांतीय उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार के पुत्र अभिषेक वार्ड-36 से जीते हैं।
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