हमीरपुर जिले के मौदहा कृषि मंडी समिति परिसर में सरकारी गेहूं खरीद केन्द्र संचालित हैं यहां पिछले माह से ही गेहूं बेंचने आए बड़ी संख्या में डेरा डाले है गेहूं से भरी ट्रैक्टर ट्रालियां खुले में खड़ी है। किसान गेहूं बेंचने के लिये अपनी बारी का इंतजार कर रहे है किसानों को डर है कि 15 जून के बाद क्रय केन्द्र बंद हो जाएंगे जिससे किसानों का हजारों क्विंटल गेहूं नहीं बिक पाएगाहमीरपुरउत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में सरकारी गेहूं क्रय केन्द्रों में लाइन पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे किसानों ने शुक्रवार को आक्रोशित हो गए। हंगामा करने के बाद बड़ी संख्या में किसानों ने प्रशासन को एक ज्ञापन देकर दो दिन के अंदर गेहूं की खरीद न होने पर सामूहिक रूप से आत्महत्या करने की धमकी दी है। किसानों की धमकी से अधिकारी भी सकते में आ गए हैं। 15 जून के बाद बंद हो जाएंगे क्रय केन्द्र हमीरपुर जिले के मौदहा कृषि मंडी समिति परिसर में सरकारी गेहूं खरीद केन्द्र संचालित है। यहां पिछले माह से ही गेहूं बेचने आए किसान बड़ी संख्या में डेरा डाले हैं।
गेहूं से भरी ट्रैक्टर ट्रालियां खुले में खड़ी है। किसान गेहूं बेंचने के लिये अपनी बारी का इंतजार कर रहे है लेकिन केन्द्रों में गेहूं की तौल नहीं हो रही है। जबकि 15 जून के बाद क्रय केन्द्र बंद हो जाएंगे जिससे किसानों का हजारों क्विंटल गेहूं नहीं बिक पाएगा। Hamirpur News: हमीरपुर में ‘खेत तालाब योजना’ से चमक रही किसानों की किस्मत, ऐसे करें आवेदननए नियम के चलते बढ़ी किसानों की परेशानीकिसानों ने क्रय केन्द्रों की अव्यवस्था से नाराज होकर हंगामा किया और एसडीएम को सम्बोधित एक ज्ञापन तहसीलदार को देकर चेतावनी भी दी कि यदि दो दिन के अंदर किसानों के गेहूं की तौल नहीं कराई गई तो किसान सामूहिक रूप से आत्महत्या करने को मजबूर होंगे। इधर डिप्टी आरएमओ बीके यादव ने बताया कि शासन से अब एक किसान से सिर्फ 50 क्विंटल गेहूं खरीदने का निर्देश है जिसकी वजह से किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
UP Zila Panchayat Adhyaksha Chunav: जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए संग्राम, दलों में सेंधमारी तेज…वेस्ट यूपी का जानें हालचार सरकारी क्रय केन्द्रों में एक कांटे से गेहूं की तौलकेन्द्रों में गेहूं बेंचने के लिये डेरा डाले रईमुद्दीन, मुस्ताक, फहीम अहमद, अशोक, दिनेश, शहीद अली, रमेश, गया प्रसाद समेत तमाम किसानों ने बताया कि मंडी समिति में संचालित क्रय विक्रय, हाटशाखा, पीसीएफ एवं हाटशाखा प्लास आदि चार सरकारी खरीद केन्द्रों में गेहूं की तौल के लिए सिर्फ एक ही कांटा है जिससे दिन भर में मात्र तीन सौ कुंतल गेहूं की ही तौल हो रही है। बताया कि कभी बारदाना की कमी तो कभी पल्लेदारों के काम न करने से खरीद केन्द्रों में डंप पड़ा गेहूं की उठान भी नहीं हो पा रही है। गेहूं की तौलाई न होने से ट्रैक्टरों का भाड़ा बढ़ाकिसानों ने तहसीलदार को ज्ञापन देकर बताया कि एक महीने से केन्द्रों में गेहूं बेचने के लिए बड़ी संख्या में किसान डेरा डाले है। ट्रैक्टर ट्रालियों में रखे गेहूं को बारिश से बचाने को तिरपाल और बरसाती बांधकर किसी तरह सुरक्षा की जा रही है। इस बीच गेहूं की तौल न होने के कारण किराए के ट्रैक्टर ट्रालियों का भाड़ा भी बीस-बीस हजार रुपये तक पहुंच गया है। ऐसे में किसानों का गेहंू ट्रैक्टरों के भाड़े में चला जाएगा। बहन बेटियों की शादी के लिए पैसों की व्यवस्था भी गेहूं के बिकने से ही होगी। Hamirpur News: सरकारी क्रय केन्द्रों पर गेहूं खरीद में लापरवाही, किसानों ने दी सामूहिक आत्मदाह की धमकी
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