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यूपी बोर्ड ने बिना परीक्षा के प्राइवेट परीक्षार्थियों के मांगे अंक, नहीं खुली वेबसाइट

यूपी बोर्ड पर हाईस्कूल, इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम जारी करने का दबाव दिखाई पड़ रहा है। इसका ताजा उदाहरण बोर्ड सचिव की ओर से बिना परीक्षा के ही प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल प्राइवेट छात्रों के छमाही एवं प्री बोर्ड परीक्षा के अंक मांगा जाना है। सचिव की ओर से अंक मांगे जाने के आदेश के दूसरे दिन वेबसाइट नहीं खुलने से स्कूल वाले परेशान रहे। प्रधानाचार्य दिन भर वेबसाइट खुलने का इंतजार करते रहे। वेबसाइट खुलने के इंतजार के बीच शुक्रवार को अंक अपलोड करने की समय सीमा खत्म हो गई।सचिव की ओर से जिला विद्यालय निरीक्षकों से 2021 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा के प्राइवेट परीक्षार्थियों के छमाही एवं प्री बोर्ड परीक्षा के अंक मांगे जाने के बाद प्रधानाचार्य परेशान हैं, उनका कहना है कि जब यूपी बोर्ड की ओर से होने वाली हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा के प्राइवेट परीक्षार्थियों की कोई परीक्षा नहीं होती है तो अंक कहां से अपलोड करेंगे। स्कूल वाले इसके बाद भी परेशान थे कि वेबसाइट खुलने पर जिस प्रकार से उन्होंने हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के रेगुलर छात्रों के अंक बिना परीक्षा के अपलोड किए हैं उसी तरह वह प्राइवेट छात्रों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट के छमाही एवं प्री बोर्ड परीक्षा के अंक अपलोड कर देते। इस बारे में सचिव यूपी बोर्ड दिव्यकांत शुक्ल एवं जिला विद्यालय निरीक्षक से संपर्क करने की कोशिश की गई तो दोनों अधिकारियों के मोबाइल दिन भर बंद रहे।
9वीं छमाही परीक्षा के बिना ही मांग लिए नंबर
यूपी बोर्ड की ओर से जारी वार्षिक कैलेंडर में 9वीं के छात्रों तीन मासिक परीक्षाओं के साथ वार्षिक परीक्षा कराने का नियम है। बोर्ड की ओर से 9वीं के छात्रों की छमाही परीक्षा कैलेंडर में शामिल नहीं है। बोर्ड की ओर से वार्षिक कैलेंडर में छमाही परीक्षा नहीं होने के बाद भी सचिव की ओर से प्रदेश के सभी प्रधानाचार्यों से छमाही के साथ वार्षिक परीक्षा के अंक मांगे थे। 2020 में प्रदेश सरकार की ओर से 9वीं की वार्षिक परीक्षा कराए बिना ही छात्रों को प्रमोट कर दिया गया था, अब बिना परीक्षा के छात्रों के अंक स्कूल कैसे वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। अटेवा पेंशन के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य डॉ. हरि प्रकाश यादव का कहना है कि यूपी बोर्ड लगातार गलती कर रहर है, बिना परीक्षा के छात्रों के अंक भेजने का निर्देश दिया जा रहा है।यूपी बोर्ड पर हाईस्कूल, इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम जारी करने का दबाव दिखाई पड़ रहा है। इसका ताजा उदाहरण बोर्ड सचिव की ओर से बिना परीक्षा के ही प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल प्राइवेट छात्रों के छमाही एवं प्री बोर्ड परीक्षा के अंक मांगा जाना है। सचिव की ओर से अंक मांगे जाने के आदेश के दूसरे दिन वेबसाइट नहीं खुलने से स्कूल वाले परेशान रहे। प्रधानाचार्य दिन भर वेबसाइट खुलने का इंतजार करते रहे। वेबसाइट खुलने के इंतजार के बीच शुक्रवार को अंक अपलोड करने की समय सीमा खत्म हो गई।

सचिव की ओर से जिला विद्यालय निरीक्षकों से 2021 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा के प्राइवेट परीक्षार्थियों के छमाही एवं प्री बोर्ड परीक्षा के अंक मांगे जाने के बाद प्रधानाचार्य परेशान हैं, उनका कहना है कि जब यूपी बोर्ड की ओर से होने वाली हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा के प्राइवेट परीक्षार्थियों की कोई परीक्षा नहीं होती है तो अंक कहां से अपलोड करेंगे। स्कूल वाले इसके बाद भी परेशान थे कि वेबसाइट खुलने पर जिस प्रकार से उन्होंने हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के रेगुलर छात्रों के अंक बिना परीक्षा के अपलोड किए हैं उसी तरह वह प्राइवेट छात्रों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट के छमाही एवं प्री बोर्ड परीक्षा के अंक अपलोड कर देते। इस बारे में सचिव यूपी बोर्ड दिव्यकांत शुक्ल एवं जिला विद्यालय निरीक्षक से संपर्क करने की कोशिश की गई तो दोनों अधिकारियों के मोबाइल दिन भर बंद रहे।

9वीं छमाही परीक्षा के बिना ही मांग लिए नंबर
यूपी बोर्ड की ओर से जारी वार्षिक कैलेंडर में 9वीं के छात्रों तीन मासिक परीक्षाओं के साथ वार्षिक परीक्षा कराने का नियम है। बोर्ड की ओर से 9वीं के छात्रों की छमाही परीक्षा कैलेंडर में शामिल नहीं है। बोर्ड की ओर से वार्षिक कैलेंडर में छमाही परीक्षा नहीं होने के बाद भी सचिव की ओर से प्रदेश के सभी प्रधानाचार्यों से छमाही के साथ वार्षिक परीक्षा के अंक मांगे थे। 2020 में प्रदेश सरकार की ओर से 9वीं की वार्षिक परीक्षा कराए बिना ही छात्रों को प्रमोट कर दिया गया था, अब बिना परीक्षा के छात्रों के अंक स्कूल कैसे वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। अटेवा पेंशन के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य डॉ. हरि प्रकाश यादव का कहना है कि यूपी बोर्ड लगातार गलती कर रहर है, बिना परीक्षा के छात्रों के अंक भेजने का निर्देश दिया जा रहा है।