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उत्तर प्रदेश चुनावों में भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाएंगे रणनीति

देश में एक तरफ जहां कोरोना महामारी की दूसरी लहर थमने लगी हैं। राज्य एक बार फिर से अनलॉक होने लगे हैं। ऐसे में किसान संगठन भी फिर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन को तेज करने की तैयारी में जुट गए हैं। इसी सिलसिले में देशभर में किसान पांच जून को भाजपा विधायकों और सांसदों के घर का घेराव करेंगे। वहीं कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध भी दर्ज करेंगे। किसानों का ये आंदोलन ऐसे समय जोर पकड़ रहा है जब पंजाब और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों को एक साल से भी कम समय बचा है। को मिली जानकारी के अनुसार, किसान संगठन पहले पांच जून को देशभर में ये आंदोलन करेंगे। इसके बाद सभी राज्यों से किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर बुलाया जाएगा। किसान नेताओं के अनुसार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों मे अनलॉक की प्रक्रियाएं शुरू हो गई हैं। दिल्ली भी धीरे-धीरे अनलॉक हो रही है। ऐसे में किसानों को अब दिल्ली आने में कोई परेशानी नहीं होगी। क्योंकि लॉकडाउन के कारण किसानों को दिल्ली में आने में दिक्कतें हो रही थी। अब स्थितियां धीरे-धीरे सामान्य होने से आंदोलन का रास्ता भी साफ हो रहा है। बस, ट्रेन और अपने वाहनों के जरिए किसान आसानी से धरना स्थल पर पहुंच सकेंगे।
किसान नेताओं के अनुसार, सभी राज्यों से किसान दिल्ली कैसे आएंगे, दिल्ली की सीमाओं पर दोबारा आंदोलन कैसे खड़ा करना है और अगली रणनीति क्या हो, इन सवालों को लेकर जल्दी ही सभी संगठनों की एक बैठक भी सिंघु बॉर्डर पर होगी। किसान इसलिए भी आंदोलन फिर से तेज करना चाहते हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में बहुत ही कम समय बचा है। ऐसे में अगर आंदोलन तेज होता है तो भाजपा को नुकसान होना तय है। किसानों का दावा है कि वे इस बार सरकार को झुका कर ही दम लेंगे।किसान नेता कहते हैं कि पंजाब और हरियाणा में जून के अंत तक धान की बुवाई पूरी हो जाएगी। उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पहली बारिश के साथ ही तेजी से खरीफ की फसल की बुवाई भी शुरू हो जाएगी। सभी राज्यों में पहली बारिश के साथ तेजी से बुवाई होगी। फिर किसान दिल्ली में जमा होना शुरू कर देंगे।
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