कोरोना कर्फ्यू के दौरान बेचे गए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन हुए आवेदन तब अधिकारियों को हुई जानकारीएआरटीओ ने सभी डीलरों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
लखीमपुर खीरी। कोरोना कर्फ्यू के दौरान आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर अन्य प्रतिष्ठान बंद किए गए थे, लेकिन ऑटो डीलरों ने इस दौरान भी खूब कमाई की। ज्यादातर ऑटो डीलरों ने कर्फ्यू के दौरान गुपचुप तरीके से बाइक और कार की बिक्री कर डाली, जबकि शो रूम बंद रहे। जब 2400 वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए तो अधिकारियों को डीलरों की इस कारगुजारी का पता चला। एआरटीओ प्रशासन आलोक कुमार ने सभी डीलरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।पंचायत चुनाव के बाद कोरोना संक्रमण के रफ्तार पकड़ने से जनपद में चार मई से आंशिक कर्फ्यू लागू किया गया था। इस दौरान केवल दैनिक उपयोग की दुकानें छोड़कर अन्य दुकानें बंद रखने के आदेश दिए गए थे। इस दौरान सहालग के चलते वाहनों की मांग रही, जिसका फायदा उठाते हुए डीलरों ने कोरोना कर्फ्यू की धज्जियां उड़ाते हुए करीब 2400 वाहनों की बिक्री कर डाली। डीलरों की कारगुजारियों की भनक अधिकारियों को भी नहीं लगी, जिससे बेधड़क वाहनों की बिक्री होती रही। इससे दुकानों पर भीड़ उमड़ी, जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।वाहनों की बिक्री तक तो मामला डीलरों के पक्ष में रहा, लेकिन बिक्री किए गए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करना मजबूरी थी। इससे ही डीलरों का यह खेल पकड़ा गया। डीलरों ने वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए परिवहन विभाग के पोर्टल वाहन 4.0 पर आवेदन किए तो उनकी पोल खुली। इस कारगुजारी में शहर के सभी नामी-गिरामी डीलर शामिल हैं। इसके अलावा गोला, पलिया, मोहम्मदी, मितौली, मैगलगंज आदि स्थानों के डीलरों ने भी वाहनों की बिक्री की है।
कोरोना कर्फ्यू के दौरान आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर अन्य प्रतिष्ठान बंद किए गए थे, लेकिन ऑटो डीलरों ने इस दौरान भी खूब कमाई की। ज्यादातर ऑटो डीलरों ने कर्फ्यू के दौरान गुपचुप तरीके से बाइक और कार की बिक्री कर डाली, जबकि शो रूम बंद रहे। जब 2400 वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए तो अधिकारियों को डीलरों की इस कारगुजारी का पता चला। एआरटीओ प्रशासन आलोक कुमार ने सभी डीलरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
पंचायत चुनाव के बाद कोरोना संक्रमण के रफ्तार पकड़ने से जनपद में चार मई से आंशिक कर्फ्यू लागू किया गया था। इस दौरान केवल दैनिक उपयोग की दुकानें छोड़कर अन्य दुकानें बंद रखने के आदेश दिए गए थे। इस दौरान सहालग के चलते वाहनों की मांग रही, जिसका फायदा उठाते हुए डीलरों ने कोरोना कर्फ्यू की धज्जियां उड़ाते हुए करीब 2400 वाहनों की बिक्री कर डाली। डीलरों की कारगुजारियों की भनक अधिकारियों को भी नहीं लगी, जिससे बेधड़क वाहनों की बिक्री होती रही। इससे दुकानों पर भीड़ उमड़ी, जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
वाहनों की बिक्री तक तो मामला डीलरों के पक्ष में रहा, लेकिन बिक्री किए गए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करना मजबूरी थी। इससे ही डीलरों का यह खेल पकड़ा गया। डीलरों ने वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए परिवहन विभाग के पोर्टल वाहन 4.0 पर आवेदन किए तो उनकी पोल खुली। इस कारगुजारी में शहर के सभी नामी-गिरामी डीलर शामिल हैं। इसके अलावा गोला, पलिया, मोहम्मदी, मितौली, मैगलगंज आदि स्थानों के डीलरों ने भी वाहनों की बिक्री की है।
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