हाइलाइट्स:नोएडा पुलिस ने पकड़ा था अवैध टेलिकॉम एक्सचेंजइस अवैध टेलिकॉम एक्सचेंज के तार ठगी और हवाला कारोबार से जुड़ेकॉल सेंटर में छापेमारी करके पुलिस ने बरामद किए 39 लाख रुपयेकॉल सेंटर के लिए 80 रुपये महीने दिया जाता था किरायानोएडानोएडा में पिछले दिनों पकड़े गए अवैध टेलिकॉम एक्सचेंज के तार कई काले कारोबार से जुड़े हुए हैं। सेक्टर-58 थाना पुलिस ने जांच में आइथम टावर सेक्टर-62 में ही चल रहे एक इंटरनैशनल ठगी के कॉल सेंटर को पकड़ा है। यह सेटअप भी सेक्टर-62 के आइथम टावर में ही था। अवैध एक्सचेंज का सरगना ओवेस आलम जो पिछले दिनों पकड़ा गया था, उसकी साझेदारी में यह एक्सचेंज भी है।पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से करीब 39 लाख रुपये, 15 कंप्यूटर व अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। कॉल सेंटर अवैध टेलिकॉम एक्सचेंज के रैकेट के मास्टरमाइंड ओवेश आलम की पार्टनरशिप में 10 वीं मंजिल पर चल रहा था। इसमें यूके, यूएस, ऑस्ट्रेलिया के लोगों को फोन कॉल कर ठगी की जाती थी। कॉल सेंटर से फोन करने वाले खुद को उस देश का इनकम टैक्स ऑफिसर बताते थे।सेटलमेंट के नाम पर होता था खेलरिटर्न फाइल करने में गड़बड़ी की बात कहकर गिरफ्तारी की धमकी देते थे। इस पर विदेशी नागरिक डर जाते थे। फिर सेटलमेंट के नाम पर उनसे रकम गिफ्ट वाउचर के कोड के रूप लेते थे। यह गिफ्ट वाउचर उसी देश में कैश करवाकर हवाला के जरिए रकम मंगवाई जा रही थी।39 लाख रुपये बरामदजॉइंट सीपी लव कुमार व डीसीपी राजेश एस ने बताया कि ओवेस आलम की पार्टनरशिप में कॉल सेंटर चलाने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है। इनके कब्जे से 39 लाख रुपये और कॉल सेंटर के सेटअप से 15 कंप्यूटर सिस्टम बरामद हुए हैं। यह कॉल सेंटर टावर के जिस दफ्तर में चल रहा था उसको टेलिकॉम एक्सचेंज के सरगना ओवेस आलम ने 80 हजार रुपये महीने के किराए पर लिया हुआ था।अवैध टेलिकॉम एक्सचेंज का लगवाया था सेटअपओवेस पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। अब उसके पार्टनरशिप में कॉल सेंटर चलाने वाले मुरादाबाद निवासी शाहनूर व दिल्ली निवासी अंकुश बारी पकड़े गए हैं। इन आरोपियों ने कॉल सेंटर में अवैध टेलिकॉम एक्सचेंज का सेटअप भी लगाया हुआ था। पुलिस उसको लेकर भी जांच कर रही है। पिछले हफ्ते अवैध एक्सचेंज पकड़े जाने के बाद से अब तक इस मामले टेलिकॉम एक्सेंचज का सरगना ओवेस आलम सहित 8 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।हर महीने का तय था टारगेटएसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि अब तक यह बात सामने आई है कि कॉल सेंटर में 30 से ज्यादा युवक-युवतियों को जो अलग-अलग देश की इंग्लिश बोल लेते हैं उनको रखा गया था। हर महीने यह यूएस, यूके, ऑस्ट्रेलिया के करीब 15 हजार लोगों को फोन कॉल कर टारगेट करते थे।हर महीने आता था लगभग 1 करोड़ रुपयेउनसे ठगी से करीब 1 करोड़ रुपये आता था। फिर उसका तय कमीशन के हिसाब से बंटवारा होता था। कॉल सेंटर में विदेशी नागरिकों से ठगी के लिए उनका डेटा वाजिद नाम का व्यक्ति उपलब्ध करवा रहा था। यह दिल्ली के ओखला एरिया का निवासी बताया गया है।वहीं विदेश से रकम यहां तक कमीशन पर दिल्ली निवासी विकास नाम का व्यक्ति मंगवाकर कैश ही देता था। यह दोनों आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। इन दोनों का भी कमीशन विदेश से आने वाली ठगी के रकम में तय था।
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