अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (UP Board) सिर्फ देश का नहीं है दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षा बोर्ड है। यह साल 2021 यूपी बोर्ड का शताब्दी वर्ष भी है। लेकिन इस बार सत्र 2020-2021 की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी है। इसका अहम कारण रहा है वैश्विक संक्रामक महामारी कोविड-19 का भयावह प्रकोप, जिसने करोड़ों लोगों को अपनी जद में लपेटा और देश में लाखों लोगों की जान लील ली।
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कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार की वजह से देश के कई राज्यों में लॉकडाउन जैसे हालात बने हुए हैं। ऐसे में सीबीएसई, आईएससी, आईसीएसई और कई राज्यों में बोर्ड परीक्षाओं को भी रद्द करना पड़ा है। उत्तर प्रदेश बोर्ड भी इन्हीं में से एक है। गौरतलब है कि 1921 में एक एक्ट के माध्यम से उत्तर प्रदेश बोर्ड की स्थापना की गई थी।
इन 100 वर्षों में यूपी बोर्ड ने एक क्षेत्रीय शिक्षा बोर्ड से दुनिया के सबसे बड़े राज्य शिक्षा बोर्ड के तौर पर अपनी एक विशिष्ट पहचान कायम की है। यहां इस खबर में हम उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बीते 100 वर्षों के सफर को रोचक और संक्षिप्त अंदाज में बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं क्या का यूपी बोर्ड का शुरुआती स्वरूप और क्या खास बदलाव आया।
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