नोएडास्वतंत्रता दिवस के पहले नोएडा के सभी मतदाताओं को कोरोना से बचाव के लिए टीके की पहली डोज देने का लक्ष्य जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तय कर लिया है। पहली जून से ही लोगों को वैक्सीन का सुकून देने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि जुलाई के अंतिम हफ्ते तक नोएडा-ग्रेनो के करीब साढ़े पंद्रह लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दे दी जाएगी। डीएम ने कहा कि नोएडा में बड़ी आबादी बाहर से आकर रहने वालों की भी है। इन लोगों का भी टीकाकरण तेजी से कराया जा रहा है। 15 अगस्त के तक सभी को पहली खुराक दे दी जाएगी। जिले में 18 साल से ऊपर के व्यक्तियों की संख्या करीब साढ़े पंद्रह लाख ही है। इंटरनल रिजल्ट के आधार पर यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले में इस समय रोजाना करीब 20 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। टीकाकरण केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। करीब छह लाख लोगों को पहली डोज लगाई जा चुकी है। जिला अधिकारी ने कहा कि हमारा लक्ष्य जुलाई तक जिले को कोरोना मुक्त बनाने का है।वैक्सीन की नहीं है कमीएडीएम वित्त वंदिता श्रीवास्तव ने बताता की जिले के पास वैक्सीन की पर्याप्त डोज उपलब्ध है। लोगों को टीका लगवाने के लिए टीमें लगातार जागरूक कर रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीकाकरण तेजी से किया जा रहा है। करीब तीस टीमें अभियान में जुटी हैं।
हर विभाग की इसमें मदद ली जा रही है।अब छह की जगह 12 गावों में लगेगा टीकाजिले के ग्रामीण इलाकों में जो लोग कोविन ऐप पर टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए हैं, उनको भी अब वैक्सीन की डोज मिलनी शुरू हो गई है। शासन के निर्देश पर शहरी इलाकों के स्लम एरिया और ग्रामीण क्षेत्रों में सोमवार से विशेष टीकाकरण अभियान शुरू हो गया। संबंधित विभाग के लोगों ने सोमवार को छह गांवों में कैंपेन चलाकर टीकाकरण किया। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि अब छह की जगह 12 गांवों में टीकाकरण किया जाएगा। इसकी शुरुआत एक जून से हो गई। मंगलवार को कुल 12 गावों में टीकाकरण हुआ। सभी लोगों तक टीके की पहुंच हो सके इसके लिए ही स्पेशल वैक्सिनेशन अभियान चलाया गया है।साधु-संतों और भिखारियों का भी तैयार होगा डेटाजिलाधिकारी ने बताया कि अब साधु,संत, भिखारी,जेल में बंद कैदी और मानसिक अस्पतालों में भर्ती मरीज सहित पुनर्वास केंद्रों में रहने वाले मरीज भी टीकाकरण करा सकते हैं। इन लोगों की पहचान जिले की टास्क फोर्स करेगी। इनका कोविन ऐप पर पंजीकरण कराया जाएगा। मोबाइल नंबर और पहचान पत्र की बाध्यता नहीं होगी। इसके लिए भी योजना तैयार की जा रही है। पहचान पत्र से संबंधित कोई भी दस्तावेज दिखाकर ये लोग भी टीकाकरण करा सकते हैं। टैक्सी ड्राइवर, रेहड़ी और खोमचे के दुकानदारों की भी पहचान टीकाकरण के लिए की जा रही है।
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