कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर पड़ते ही यूपी सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना गंगा एक्सप्रेस वे पर काम शुरू हो गया। मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले एक्सप्रेस वे के लिए जिले के सोरांव तहसील में 20 गांवों में भूमि अधिग्रहीत की जानी है। उसमें से 23 सौ से अधिक काश्तकारों की भूमि अधिग्रहीत हो चुकी है। प्रशासनिक अफसरों के मुताबिक बाकी बचे हुए काश्तकारों की भूमि का अधिग्रहण का काम फिर शुरू हो चुका है। जून तक अधिग्रहण का काम पूरा करने का लक्ष्य है। अधिग्रहण की जिम्मेदारी सोरांव एसडीएम को सौंपी गई है।
जिले में गंगा एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण का काम जनवरी से ही शुरू हो चुका था। सोरांव एसडीएम की अगुवाई में तहसीलदार के द्वारा इस काम को किया जा रहा है। एडीएम फाइनेंस एमपी सिंह के मुताबिक गंगा एक्सप्रेस वे के लिए एलाइनमेंट के मुताबिक जिले में कुल 36 सौ काश्तकारों की भूमि अधिग्रहीत करने के लिए चिह्नित की गई है। उसमें से 50 फीसदी भूमि मार्च तक अधिग्रहीत की जा चुकी थी। लेकिन उसके बाद कोरोना की दूसरी लहर के चलते अधिग्रहण का काम ठप पड़ गया था।
इस दौरान लॉकडाउन भी लगा रहा। इस वजह से अधिग्रहण का काम रोक दिया गया था। लेकिन, अब संक्रमण कम हुआ तो भूमि अधिग्रहण का काम फिर शुरू कर दिया गया है। इसमें जहां भी ग्राम सभा की भूमि है। उसे भी अधिग्रहीत कर लिया गया है। अभी तकरीबन 13 सौ काश्तकारों की भूमि अधिग्रहीत होनी है। उनसे संपर्क किया जा रहा है। बैनामे की तारीखें निश्चित की जा रही हैं। जिससे कि उन्हें तहसील ले जाकर भूमि का बैनामा कराया जा सके।
उधर, शासन की ओर से इसके निर्माण के लिए टेंडर जारी करने की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि एक्सप्रेस वे का निर्माण करने के लिए 11 कंपनियों ने अपनी इच्छा जताई है। इसमें मलेशिया और दक्षिण कोरिया की कंपनियां भी तैयार हैं। शासन की ओर से जल्दी ही इन कंपनियों को साइट का दौरा कराया जाएगा, जिससे कि वे काम की व्यापकता को समझ लें। इसके बाद बिड मांगी जाएगी।इस एक्सप्रेस के लिए कुल 36410 करोड़ रुपये का बजट खर्च होगा। यह 12 जिलों की 30 तहसीलों से होकर गुजरेगी। मेरठ के बाद यह हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और फिर प्रयागराज पहुंचकर समाप्त होगी। प्रयागराज में यह बारी, सरायनंदन उर्फ समसपुर, सराय मदन सिंह उर्फ चांटी, सराय भारत उर्फ होलागढ़, सराय हरीराम, खेमकरनपुर, माधोपुर, मलाक चतुरी आदि गांवों से गुजरेगा। इन गांवों में भूमि अधिग्रहीत की जा रही है।
कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर पड़ते ही यूपी सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना गंगा एक्सप्रेस वे पर काम शुरू हो गया। मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले एक्सप्रेस वे के लिए जिले के सोरांव तहसील में 20 गांवों में भूमि अधिग्रहीत की जानी है। उसमें से 23 सौ से अधिक काश्तकारों की भूमि अधिग्रहीत हो चुकी है। प्रशासनिक अफसरों के मुताबिक बाकी बचे हुए काश्तकारों की भूमि का अधिग्रहण का काम फिर शुरू हो चुका है। जून तक अधिग्रहण का काम पूरा करने का लक्ष्य है। अधिग्रहण की जिम्मेदारी सोरांव एसडीएम को सौंपी गई है।
जिले में गंगा एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण का काम जनवरी से ही शुरू हो चुका था। सोरांव एसडीएम की अगुवाई में तहसीलदार के द्वारा इस काम को किया जा रहा है। एडीएम फाइनेंस एमपी सिंह के मुताबिक गंगा एक्सप्रेस वे के लिए एलाइनमेंट के मुताबिक जिले में कुल 36 सौ काश्तकारों की भूमि अधिग्रहीत करने के लिए चिह्नित की गई है। उसमें से 50 फीसदी भूमि मार्च तक अधिग्रहीत की जा चुकी थी। लेकिन उसके बाद कोरोना की दूसरी लहर के चलते अधिग्रहण का काम ठप पड़ गया था।
इस दौरान लॉकडाउन भी लगा रहा। इस वजह से अधिग्रहण का काम रोक दिया गया था। लेकिन, अब संक्रमण कम हुआ तो भूमि अधिग्रहण का काम फिर शुरू कर दिया गया है। इसमें जहां भी ग्राम सभा की भूमि है। उसे भी अधिग्रहीत कर लिया गया है। अभी तकरीबन 13 सौ काश्तकारों की भूमि अधिग्रहीत होनी है। उनसे संपर्क किया जा रहा है। बैनामे की तारीखें निश्चित की जा रही हैं। जिससे कि उन्हें तहसील ले जाकर भूमि का बैनामा कराया जा सके।
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