गाजियाबाद और नोएडा समेत यूपी के 20 जिलों को अभी कोरोना कर्फ्यू से राहत नहीं मिली जिलों में कोरोना के सक्रिय मामले 600 से अधिक है, पहले की तरह सभी प्रतिबंध लागू रहेंगेगाजियाबाद में कोरोना के कुल ऐक्टिव केस 1688 हैं वहीं नोए़डा में सक्रिय मामले 1073 हैंनोएडा/गाजियाबादगाजियाबाद और नोएडा समेत यूपी के 20 जिलों को अभी कोरोना कर्फ्यू से राहत नहीं मिली है। इन जिलों में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 600 से अधिक है इसलिए यहां पहले की तरह सभी प्रतिबंध लागू रहेंगे। दोनों ही जिलों में कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए लगाई गई धारा-144 अब जिले में 30 जून तक बढ़ा दी गई है। गाजियाबाद में कोरोना के कुल ऐक्टिव केस 1688 हैं वहीं नोए़डा में सक्रिय मामले 1073 हैं।गौतमबुद्ध नगर एसीपी लॉ ऐंड ऑर्डर श्रद्धा पांडे ने कर्फ्यू 144 को बढ़ाने को लेकर आदेश जारी किया। शासन के आदेश के मुताबिक वर्तमान में जनपद में कोविड-19 के सक्रिय केस की संख्या 600 से अधिक है जिसके कारण फिलहाल किसी तरह की छूट जिले में नहीं दी जा सकती। संख्या कम होने पर स्वता छूट मिल जाएगी। धारा-144 में वीकेंड कर्फ्यू के सभी नियम प्रभावी होंगे। शासन के आदेश के तहत जिले को कर्फ्यू से तभी राहत मिलेगी, जब यहां कोरोना संक्रमित के एक्टिव केस घटकर 600 से कम हो जाएंगे।एसीपी (लॉ ऐंड ऑर्डर) श्रद्धा पांडे की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक–कंटेनमेंट जोन में चिकित्सा सेवाओं और आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सभी गतिविधियों प्रतिबंधित रहेंगी।-किसी भी प्रकार की सामाजिक/राजनीतिक/खेल/मनोरंजन/अकैडमिक/सांस्कृतिक धार्मिक उत्सव से संबंधित गतिविधियां या सभा बिना अनुमति के नहीं की जाएंगी।-कंटेनमेंट जोन को छोड़कर शेष जगहों पर धर्मस्थलों के अंदर एक बार में एक स्थान पर 5 से अधिक श्रद्धालु नहीं होंगे।-स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।-कोचिंग संस्थान, सिनेमा, जिम स्वीमिंग पूल, क्लब और शॉपिंग मॉल भी पूरी तरह बंद रहेंगे।-शादी समारोह में 25 से अधिक और अंतिम संस्कार में 20 लोग से ज्यादा इकट्ठा होने पर प्रतिबंध।-रेस्तरां से होम डिलिवरी के अतिरिक्त कोई अन्य गतिविधि प्रतिबंधित रहेगी।-मेट्रो, बसें, कैब में उनकी 50 प्रतिशत क्षमता से अधिक सवारी की इजाजत नहीं होगी।-इसके अलावा किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन ये जुलूस निकालने पर भी प्रतिबंध जारी रहेगा।अनलॉक के लिए प्रशासन के सामने कई चुनौतियांगाजियाबाद में ऐक्टिव केस करने के लिए प्रशासन के सामने कई चुनौतियां हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर पब्लिक को भी एकजुट होकर साथ देना होगा। इसके बाद ही ऐक्टिव केस को कम किया जा सकता है। आईएमए के पूर्व प्रेसिडेंट वीबी जिंदल का कहना है कि नए लोगों को संक्रमण से बचाने के साथ ऐक्टिव केस को जल्द से जल्द ठीक करना होगा। उनके इलाज पर ज्यादा फोकस करना होगा। जिससे उनकी रिपोर्ट जल्द से जल्द निगेटिव हो सके।कोरोना प्रोटोकॉल का करवाना होगा पालनजिले में अभी एक्टिव केस अधिक हैं, इसलिए एक्टिव केस के संपर्क में नए लोगों को आने से बचाना ही प्रशासन के सामने चुनौती है। इसके लिए प्रशासन को कोरोना प्रोटोकॉल को सख्ती के साथ लागू करवाना होगा। साथ ही जिस एरिया में इस तरह के मरीज आ रहे हैं, वहां पर अधिक सख्ती किए जाने की जरूरत होगी।वैक्सीनेशन की स्पीड बढ़ाना होगाडॉक्टर वीबी जिंदल ने बताया कि प्रशासन को कोरोना प्रोटोकॉल के साथ वैक्सीनेशन की स्पीड को बढ़ाना होगा, ताकि अधिक लोग इस सुरक्षा कवच के दायरे में आ जाएंगे।ग्रामीण क्षेत्र में करना होगा फोकसजिले के ग्रामीण क्षेत्र में अभी जांच किए जाने की प्रक्रिया धीमी है। इसके तेज किए जाने की जरूरत है। इस पर लगातार निगरानी भी रखनी होगी। साथ ही गांव क्षेत्र में वैक्सीनेशन भी तेज करना होगा। ग्रामीण क्षेत्र में चुनाव के दौरान संक्रमण की रफ्तार तेजी के साथ बढ़ी थी।
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