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अलखनाथ मंदिर से जुड़ा है दुर्गा मंदिर, पांच साल पहले गद्दी को लेकर हुआ था विवाद

रोड़ों रुपये की संपत्ति वाले अलखनाथ मंदिर में हो चुकी हैं तीन हत्याएंतपोनिधि पंचायती आनंद अखाड़ा, कपिलधारा वाराणसी से है संबद्ध
बरेली। तपोनिधि पंचायती आनंद अखाड़ा, कपिलधारा वाराणसी से संबद्ध दुर्गा मंदिर यहां अलखनाथ मंदिर के अधीन है। अलखनाथ मंदिर की करोड़ों की संपत्ति को लेकर कई बार साधुओं में वर्चस्व की जंग छिड़ चुकी है। इसे लेकर यहां तीन हत्याएं भी हो चुकी हैं। दुर्गा मंदिर की गद्दी को लेकर भी पांच साल पहले विवाद हो चुका है।किला क्षेत्र में स्थित करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र अलखनाथ मंदिर की करोड़ों रुपये की संपत्ति लंबे समय से विवाद का कारण बनी है। कई साल पहले अलखनाथ मंदिर के महंत धर्मगिरि की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब वह अपने चेलों के साथ गद्दी पर बैठे थे। एक हमलावर भी मौके पर मारा गया था। इसके बाद मंदिर की गद्दी को लेकर लंबे समय तक झगड़ा चलता रहा। 25 अगस्त, 2013 को अलखनाथ मंदिर के ही बाबा नीरज की हत्या वहां रहने वाले तीन बाबाओं ने कर दी। उनका शव मंदिर परिसर में झाड़ियों के बीच गड्ढे में दबा मिला था। बहेड़ी स्थित बांसी मठ के नाम भी करोड़ों की संपत्ति है। इस पर कब्जे को लेकर नवंबर, 2012 में अलखनाथ मंदिर के साधुओं के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। इसमें दोनों तरफ से रिपोर्ट लिखाई गई थी, इसमें कई बाबा जेल गए थे।
संपत्ति को लेकर हो सकती है किसी की नजर
अलखनाथ मंदिर के महंत कालू गिरि ने बताया कि करीब पांच साल पहले दुर्गा मंदिर पर रहने वाले एक बाबा विरोधी पक्ष से मिल गए थे। इसके बाद उन्हें मंदिर से हटाया गया तो काफी विवाद हुआ था, लेकिन यह मामला पुराना हो चुका है। अब वहां कोई बात नहीं थी। लॉकडाउन से पहले तक एक बुजुर्ग ठाकुर बाबा वहां रहते थे, वह घर चले गए तो मंदिर खाली हो गया। इसके बाद ही किशोर साधु को वहां पूजा-पाठ की जिम्मेदारी दी गई थी। बताया कि इस समय मंदिर की संपत्ति के नाम पर वहां एक दुकान है, लेकिन महत्वपूर्ण स्थान पर होने के चलते उसकी काफी अहमियत है। उन्होंने इस दुकान को लेकर ही घटना होने की आशंका जताई है।
धोपा मंदिर में भी महंत समेत दो की हो चुकी है हत्या
धोपेश्वरनाथ (धोपा) मंदिर के महंत गोकरण गिरि का शव 13 फरवरी, 2010 को वहां के तालाब में मिला था। महंत की पोती रचना गोस्वामी ने तत्कालीन बसपा विधायक वीरेंद्र सिंह समेत 12 लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट लिखाई थी, लेकिन कैंट पुलिस ने आरोप झूठा होने का दावा कर इसमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। इस मामले में सीबीआई ने जांच करके चार्जशीट दाखिल की थी। इसके अलावा पिछले दिनों धोपा मंदिर के ही बाबा 55 वर्षीय रामचंद्र गिरि की सिर पर वार करके हत्या कर दी गई थी।

पोनिधि पंचायती आनंद अखाड़ा, कपिलधारा वाराणसी से है संबद्ध
बरेली। तपोनिधि पंचायती आनंद अखाड़ा, कपिलधारा वाराणसी से संबद्ध दुर्गा मंदिर यहां अलखनाथ मंदिर के अधीन है। अलखनाथ मंदिर की करोड़ों की संपत्ति को लेकर कई बार साधुओं में वर्चस्व की जंग छिड़ चुकी है। इसे लेकर यहां तीन हत्याएं भी हो चुकी हैं। दुर्गा मंदिर की गद्दी को लेकर भी पांच साल पहले विवाद हो चुका है।

किला क्षेत्र में स्थित करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र अलखनाथ मंदिर की करोड़ों रुपये की संपत्ति लंबे समय से विवाद का कारण बनी है। कई साल पहले अलखनाथ मंदिर के महंत धर्मगिरि की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब वह अपने चेलों के साथ गद्दी पर बैठे थे। एक हमलावर भी मौके पर मारा गया था। इसके बाद मंदिर की गद्दी को लेकर लंबे समय तक झगड़ा चलता रहा। 25 अगस्त, 2013 को अलखनाथ मंदिर के ही बाबा नीरज की हत्या वहां रहने वाले तीन बाबाओं ने कर दी। उनका शव मंदिर परिसर में झाड़ियों के बीच गड्ढे में दबा मिला था। बहेड़ी स्थित बांसी मठ के नाम भी करोड़ों की संपत्ति है। इस पर कब्जे को लेकर नवंबर, 2012 में अलखनाथ मंदिर के साधुओं के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। इसमें दोनों तरफ से रिपोर्ट लिखाई गई थी, इसमें कई बाबा जेल गए थे।

संपत्ति को लेकर हो सकती है किसी की नजर
अलखनाथ मंदिर के महंत कालू गिरि ने बताया कि करीब पांच साल पहले दुर्गा मंदिर पर रहने वाले एक बाबा विरोधी पक्ष से मिल गए थे। इसके बाद उन्हें मंदिर से हटाया गया तो काफी विवाद हुआ था, लेकिन यह मामला पुराना हो चुका है। अब वहां कोई बात नहीं थी। लॉकडाउन से पहले तक एक बुजुर्ग ठाकुर बाबा वहां रहते थे, वह घर चले गए तो मंदिर खाली हो गया। इसके बाद ही किशोर साधु को वहां पूजा-पाठ की जिम्मेदारी दी गई थी। बताया कि इस समय मंदिर की संपत्ति के नाम पर वहां एक दुकान है, लेकिन महत्वपूर्ण स्थान पर होने के चलते उसकी काफी अहमियत है। उन्होंने इस दुकान को लेकर ही घटना होने की आशंका जताई है।
धोपा मंदिर में भी महंत समेत दो की हो चुकी है हत्या
धोपेश्वरनाथ (धोपा) मंदिर के महंत गोकरण गिरि का शव 13 फरवरी, 2010 को वहां के तालाब में मिला था। महंत की पोती रचना गोस्वामी ने तत्कालीन बसपा विधायक वीरेंद्र सिंह समेत 12 लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट लिखाई थी, लेकिन कैंट पुलिस ने आरोप झूठा होने का दावा कर इसमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। इस मामले में सीबीआई ने जांच करके चार्जशीट दाखिल की थी। इसके अलावा पिछले दिनों धोपा मंदिर के ही बाबा 55 वर्षीय रामचंद्र गिरि की सिर पर वार करके हत्या कर दी गई थी।