Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

योगी सरकार का बड़ा फैसला, पंचायत चुनाव ड्यूटी में मृत सरकारी कर्मियों के आश्रितों को देगी 30-30 लाख रुपये

यूपी पंचायत चुनाव में मृत कर्मियों के परिवार को मिलेगा 30-30 लाख का मुआवजायोगी आदित्‍यनाथ सरकार ने मुआवजे की गाइडलाइन बदलते हुए किया फैसला कुछ दिन पहले पहले मृतक आश्रितों को मुआवजा देने को लेकर हुई थी राजनीतिलखनऊउत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में जिन कर्मचारियों की मौत ड्यूटी के दौरान हुई है, उनके आश्रितों को सरकार 30-30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। सोमवार को उत्तर प्रदेश की मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) ने इस फैसले को मंजूरी दे दी। राज्‍य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, पंचायत चुनाव के दौरान जिन कर्मचारियों की ड्यूटी करते हुए मौत हो गई उनके आश्रितों को सरकार की ओर से 30-30 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, ड्यूटी अवधि की जो परिभाषा भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से निर्धारित की गई है, जिसके आधार पर राज्‍य निर्वाचन आयोग द्वारा गाइडलाइन तय की गई, उसमें कोविड-19 की वजह से होने वाले संक्रमण व इसके फलस्‍वरूप होने वाली मृत्यु में जो समय लगता है उसका ध्यान नहीं रखा गया है। अत: अनुग्रह राशि की पात्रता के लिए निर्वाचन ड्यूटी की तिथि से 30 दिन के अंदर कोविड-19 से होने वाली मृत्यु को पात्रता में लाया गया है। इस आधार पर निर्वाचन ड्यूटी की तारीख से 30 दिन के भीतर कोविड-19 से होने वाली मौत को अनुग्रह राशि देने का मानक बनाया गया है। निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन में बदलाव कर ड्यूटी अवधि को 30 दिन माना जाएगा।NBT ऑनलाइन की मुहिम का बड़ा असर, पंचायत चुनाव के दौरान मृत शिक्षकों के परिवार को जगी न्याय की उम्मीदसरकार ने नहीं जारी किया मौतों का आधिकारिक आंकड़ाशासन ने चार मई के आदेश को राज्‍य निर्वाचन आयोग की संस्तुति के आधार पर कोविड-19 से मृत्‍यु की दशा में अनुग्रह धनराशि को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये किया है। इस प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी करने वाले मृत कर्मचारियों का कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया गया है। कुछ दिनों पहले शिक्षक संगठन ने पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान 1,621 शिक्षकों की मौत होने का दावा किया था। तब सिर्फ तीन को ही मुआवजा देने की बात कही गई थी, लेकिन इस मामले के तूल पकड़ने के बाद सरकार ने गाइडलाइन में बदलाव किया है।