गुलरिया। प्रदेश सरकार के जल शक्ति सिंचाई एवं जल संसाधन बाढ़ नियंत्रण लघु सिंचाई और नमामि गंगे ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने शारदा नदी के किनारे बाढ़ नियंत्रण में किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्होंने अब तक किए गए कार्यों पर संतोष जताया।बृहस्पतिवार को दोपहर बाद तीन बजे गुलरिया चीनी मिल में भोजन करने के बाद 4 बजकर 30 मिनट पर मंत्री का काफिला सूरजपुर के लिए रवाना हुआ। पांच बजे मंत्री शारदा नदी के किनारे पहुंचे, जहां पर कुछ दिन पहले आई बाढ़ में जेसीबी तथा पोकलेन मशीन डूब गई थी। जलस्तर कम होने से एक मशीन दिखाई देने लगी है, वहां पर मंत्री जी ने मौजूद सिंचाई विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली।उसके बाद स्टीमर से शारदा नदी के अंदर हो रहे कार्यों को देखने के लिए रवाना हो गए, जहां पर काम चल रहा है वह जगह शारदा नदी के अंदर लगभग दो किलोमीटर दूर है। यहां से पानी के बहाव की विपरीत दिशा में जाना पड़ता है। वहां से लौटकर मंत्री ने बांध पर खड़े होकर कहा कि स्थलीय निरीक्षण किया है। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि जियोटैग तथा परक्युपाइन का काम तेजी से चल रहा है और बरसात शुरू होने तक यह काम पूरा हो जाएगा। इससे सूरजपुर, जंगल नंबर सात, ढकिया, बझेड़ा, कुंअरपुर, प्रतापटांडा, जगन्नाथ टांडा, नया देशराज टांडा, राऊटांडा आदि गांवों के लोगों को अब बाढ़ का कहर नहीं झेलना पड़ेगा।सांसद अजय मिश्र टेनी ने भी लोगों की समस्याएं बताईं। साथ ही सरकार के कार्यों से अवगत कराया। इस मौके पर डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह, एसपी विजय ढुल, सिंचाई विभाग के अधिकारी, कर्मचारी मौके पर मौजूद रहे।
सिंचाई मंत्री के आने तक होता रहा काम
सिंचाई मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह के आगमन तक नदी के किनारे जेसीबी से जमीन समतल कर रास्ता बनाया गया। योजना का बोर्ड उनके आने के समय लगाया गया। खास बात यह रही कि जिले का कोई भी विधायक मौके पर नहीं पहुंचा। संवादगुलरिया। प्रदेश सरकार के जल शक्ति सिंचाई एवं जल संसाधन बाढ़ नियंत्रण लघु सिंचाई और नमामि गंगे ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने शारदा नदी के किनारे बाढ़ नियंत्रण में किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्होंने अब तक किए गए कार्यों पर संतोष जताया।
बृहस्पतिवार को दोपहर बाद तीन बजे गुलरिया चीनी मिल में भोजन करने के बाद 4 बजकर 30 मिनट पर मंत्री का काफिला सूरजपुर के लिए रवाना हुआ। पांच बजे मंत्री शारदा नदी के किनारे पहुंचे, जहां पर कुछ दिन पहले आई बाढ़ में जेसीबी तथा पोकलेन मशीन डूब गई थी। जलस्तर कम होने से एक मशीन दिखाई देने लगी है, वहां पर मंत्री जी ने मौजूद सिंचाई विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली।
उसके बाद स्टीमर से शारदा नदी के अंदर हो रहे कार्यों को देखने के लिए रवाना हो गए, जहां पर काम चल रहा है वह जगह शारदा नदी के अंदर लगभग दो किलोमीटर दूर है। यहां से पानी के बहाव की विपरीत दिशा में जाना पड़ता है। वहां से लौटकर मंत्री ने बांध पर खड़े होकर कहा कि स्थलीय निरीक्षण किया है। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि जियोटैग तथा परक्युपाइन का काम तेजी से चल रहा है और बरसात शुरू होने तक यह काम पूरा हो जाएगा। इससे सूरजपुर, जंगल नंबर सात, ढकिया, बझेड़ा, कुंअरपुर, प्रतापटांडा, जगन्नाथ टांडा, नया देशराज टांडा, राऊटांडा आदि गांवों के लोगों को अब बाढ़ का कहर नहीं झेलना पड़ेगा।
सांसद अजय मिश्र टेनी ने भी लोगों की समस्याएं बताईं। साथ ही सरकार के कार्यों से अवगत कराया। इस मौके पर डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह, एसपी विजय ढुल, सिंचाई विभाग के अधिकारी, कर्मचारी मौके पर मौजूद रहे।
सिंचाई मंत्री के आने तक होता रहा काम
सिंचाई मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह के आगमन तक नदी के किनारे जेसीबी से जमीन समतल कर रास्ता बनाया गया। योजना का बोर्ड उनके आने के समय लगाया गया। खास बात यह रही कि जिले का कोई भी विधायक मौके पर नहीं पहुंचा।
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