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निजी अस्पतालों ने की कोविड का दर्जा समाप्त करने की मांग, यह है वजह

वर्तमान में अस्पतालों में सिर्फ 858 कोरोना संक्रमित भर्ती हैंकई प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालकों ने कोविड अस्पताल से मुक्त करने की सिफारिश की 54 अस्पतालों में से दो अस्पतालों पर कार्रवाई की जा चुकी हैगोरखपुरउत्तर प्रदेश के गोरखपुर में संचालकों ने कोविड अस्पताल का दर्जा समाप्त करने के लिए सीएमओ को पत्र लिखा है। इन अस्पताल संचालकों का कहना है कि उनके यहां कोरोना के एक भी मरीज भर्ती नहीं हैं। सभी बेड खाली हैं, इस वजह से अब उनका कोविड का दर्जा समाप्त किया जाए। दो हजार बेड और 858 संक्रमितशहर में सरकारी और निजी अस्पताल को मिलाकर कुल 54 कोविड अस्पताल बनाए गए थे। इन अस्पतालों में कुल दो हजार बेड की व्यवस्था की गई थी। इनमें से 775 आईसीयू और शेष बेड ऑक्सिजन और बिना ऑक्सिजन वाले बनाए गए थे। वर्तमान में इन अस्पतालों में सिर्फ 858 कोरोना संक्रमित भर्ती हैं। ऐसे में लगभग 1200 बेड खाली हैं, जिसकी वजह से शहर के कई प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालकों ने कोविड अस्पताल से मुक्त करने की सिफारिश की है। गोरखपुर DM ने बताया दूसरी लहर का वो भयानक दौर…मरने का होता था इंतजारइन अस्पतालों पर हो चुकी है कार्रवाईबता दें कि 54 अस्पतालों में से दो अस्पतालों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इन पर ओवर चार्जिंग के मामले में बद्रिका अस्पताल को सील किया गया है तो वहीं डिग्निटी अस्पताल का कोविड का दर्जा समाप्त कर दिया गया है। उधर, इस मामले में एडिशनल सीएमओ डॉ. नीरज पांडे ने बताया कि कोरोना संक्रमितों की कम संख्या के चलते शहर के कुछ अस्पतालों ने कोविड का दर्जा समाप्त करने की सिफारिश की है, अभी उस पर विचार चल रहा है। कोविड दर्जा समाप्ति पर अस्पतालों की लिस्ट जारी की जाएगी।